रांची: रिम्स में 528 बेड की क्षमता वाले अस्थाई कोविड अस्पताल का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को अपने आवासीय कार्यालय से ऑनलाइन उद्घाटन किया है. उद्घाटन समारोह के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और विभागीय अधिकारी रिम्स परिसर में उपस्थित थे. अब कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में और सहूलियत होगी.
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रिम्स के मल्टीस्टोरी पार्किंग में बने अस्थाई कोविड अस्पताल में 327 ऑक्सीजन युक्त बेड, ऑकोलॉजी डिपार्टमेंट में 73 आईसीयू बेड और पुरानी बिल्डिंग में 128 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है.
ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या हो जाएगी 800
राज्य के अस्पतालों में बेड की कमी से परेशान कोरोना मरीजों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 528 बेड वाले अस्थाई कोविड अस्पताल का उद्घाटन किया है. इसके साथ ही एनटीपीसी के सहयोग से 108 और बेड लगाए जा रहे हैं. इसमें से रिम्स में कोरोना संक्रमितों के लिए ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या बढ़कर लगभग 800 और 250 वेंटिलेटर बेड हो जाएगी.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई रहेगी जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सीय संसाधनों की कमी नहीं हो. इसी संकल्प के साथ, सरकार लगातार प्रयास करती आ रही है. कोरोना की दूसरी लहर में जैसे-जैसे चुनौतियां सामने आ रहीं हैं, व्यवस्था और सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजनयुक्त बेड और वेंटिलेटर के साथ साथ अन्य चिकित्सीय संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग जारी है और आगे भी मजबूती के साथ जारी रहेगा.
सिर्फ 12 दिनों मे बनकर तैयार हुआ अस्थाई कोविड अस्पताल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान हालात में रिम्स में समुचित चिकित्सीय संसाधनों के साथ अस्थाई कोविड अस्पताल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रशासन ने सिर्फ 12 दिनों में ही इस अस्पताल को तैयार कर दिया है. अस्पताल में 24 घंटे और सातों दिन चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वॉय उपलब्ध रहेंगे. यहां मरीजों की सहूलियत के लिए हेल्प डेस्क भी कार्य कर रहा है.
मेडिकल कॉलेज में बढ़ाई जा रही सुविधा
मुख्यमंत्री ने रांची, धनबाद और जमशेदपुर के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ती मरीजों की संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि यहां इलाज के लिए सबसे ज्यादा संक्रमित पहुंच रहे हैं. इस स्थिति में इन मेडिकल कॉलेज के लिए सरकार जरूरतों के हिसाब से कार्ययोजना लगातार बना रही है. इन्हें ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि संक्रमितों के इलाज में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आए.