रांचीः निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता के लिए एक राहत भरी खबर है. राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में विभागीय जांच चल रही थी, जिसमें अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट दी गई है. इस मामले की जांच झारखंड के पूर्व डीजी एमवी राव कर रहे थे. एमवी राव ने रिटायर होने के पहले अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी दी थी. जिसके आधार पर अनुराग गुप्ता क्लीन चिट दी गई है. हालांकि यह मामला कोर्ट में अब भी चल रहा है.
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हॉर्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इस प्राथमिकी में एडीजी अनुराग गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया था. तत्कालीन प्रभारी डीजीपी एमवी राव विभागीय कार्रवाई संचालन अधिकारी. डीजीपी एमवी राव ने अपने रिटायर्ड होने की तिथि 30 सितंबर से पहले ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इस रिपोर्ट में एडीजी अनुराग गुप्ता के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं.
बातचीत के नहीं मिले साक्ष्य
अधिकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार एमवी राव की ओर से दी गई रिपोर्ट की समीक्षा करेगी. समीक्षा रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पुलिस को बातचीत के रिकार्डिंग की असली सीडी और जिस उपकरण से बातचीत रिकॉर्ड की गई (मूल यंत्र) उपलब्ध नहीं कराया गया. इसकी वजह से एडीजी अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट दी गई है.
निलंबित हो चुके हैं एडीजी अनुराग
राज्य सरकार ने 14 फरवरी को अनुराग गुप्ता को जगन्नाथपुर थाने में दर्ज केस के आधार पर निलंबित कर दिया था. 26 मार्च 2016 को राज्यसभा चुनाव मामले में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. भारत निर्वाचन आयोग ने दोनों के खिलाफ चुनाव को प्रभावित करने से जुड़ी असंज्ञेय धाराओं में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की थी.
क्या है मामला
वर्ष 2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इस टेप में एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत की बात सामने आई थी. इसके साथ ही इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया था. गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में फरवरी महीने में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी.