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हड़ताली एचईसी अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार, सीआईएसएफ जवानों ने की धक्का मुक्की

रांची के धुर्वा स्थित एचईसी कारखाने को बचाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. यहां काम करने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्हें पिछले एक साल से वेतन नहीं मिला है. अब जबकि ये प्रदर्शन कर रहे हैं तो इनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है.

CISF personnel misbehave with striking HEC officials
CISF personnel misbehave with striking HEC officials
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Published : Jan 27, 2023, 10:36 AM IST

Updated : Jan 27, 2023, 10:56 AM IST

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रांची: पिछले करीब 3 माह से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे एचईसी के अधिकारियों के साथ सीआईएसएफ के जवानों ने दुर्व्यवहार किया है. हड़ताली पदाधिकारियों का कहना है कि हमेशा की तरह आज जब मेन गेट के बाहर धरना प्रदर्शन के लिए दरी बिछाई जा रही थी, तो सीआईएसएफ के लोग आए और दरी को किनारे फेंक दिया. इस पर जब एचईसी के इंजीनियरों ने सवाल उठाया तो सीआईएसएफ के अधिकारी नियम कानून सिखाने लगे.

ये भी पढ़ें: दर्द-ए-एचईसीः जिन हाथों से बनाते थे इसरो के लिए उपकरण, आज तल रहे पकोड़े

हड़ताली इंजीनियरों ने कहा कि जिस स्थान पर पिछले 3 माह से धरना प्रदर्शन दिया जा रहा है, वह स्थान अचानक इतना महत्वपूर्ण कैसे हो गया. हड़ताली इंजीनियर सुभाष ने ईटीवी भारत को बताया कि पिछले 15 माह से वेतन नहीं मिला है. तमाम इंजीनियर परिवारों की माली स्थिति इतनी खराब हो गई है कि भीख मांगने की नौबत आ चुकी है. बच्चों के स्कूलों की फीस जमा करना मुश्किल हो गया है.

यही हाल कर्मचारियों के साथ भी है. कर्मचारियों को पिछले 1 साल से वेतन नहीं मिला है. कभी यह संस्थान देश का गौरव कहा जाता था. आज भी इस संस्थान को रॉ मैटेरियल मिले तो एक से एक नायाब चीजें तैयार करने की क्षमता है. लेकिन भारी उद्योग मंत्रालय के रुख से ऐसा लग रहा है कि इस संस्थान को जमींदोज कर दिया जाएगा. हड़ताली इंजीनियरों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. सबसे खास बात है कि इतना कुछ होने के बावजूद अब तक किसी को स्थाई सीईओ नहीं दिया गया है.

साल 1960 से 1990 तक एचईसी का स्वर्णिल काल रहा. लेकिन समय के साथ इसकी स्थिति बिगड़ती रही. यह संस्थान सिर्फ राजनीतिक नारों में सिमट कर रह गया है. सेना, रेलवे के अलावा इसरो के लॉचिंग पैड स्ट्रक्चर को तैयार करने की ताकत रखने वाले इस संस्थान को खुद बैसाखी की जरूरत है. इसी संस्थान के क्षेत्र में जेएससीए, प्रोजेक्ट भवन, विधानसभा का संचालन हो रहा है. लेकिन इसकी हालत सुधरने के बजाए बिगड़ती जा रही है.

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रांची: पिछले करीब 3 माह से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे एचईसी के अधिकारियों के साथ सीआईएसएफ के जवानों ने दुर्व्यवहार किया है. हड़ताली पदाधिकारियों का कहना है कि हमेशा की तरह आज जब मेन गेट के बाहर धरना प्रदर्शन के लिए दरी बिछाई जा रही थी, तो सीआईएसएफ के लोग आए और दरी को किनारे फेंक दिया. इस पर जब एचईसी के इंजीनियरों ने सवाल उठाया तो सीआईएसएफ के अधिकारी नियम कानून सिखाने लगे.

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हड़ताली इंजीनियरों ने कहा कि जिस स्थान पर पिछले 3 माह से धरना प्रदर्शन दिया जा रहा है, वह स्थान अचानक इतना महत्वपूर्ण कैसे हो गया. हड़ताली इंजीनियर सुभाष ने ईटीवी भारत को बताया कि पिछले 15 माह से वेतन नहीं मिला है. तमाम इंजीनियर परिवारों की माली स्थिति इतनी खराब हो गई है कि भीख मांगने की नौबत आ चुकी है. बच्चों के स्कूलों की फीस जमा करना मुश्किल हो गया है.

यही हाल कर्मचारियों के साथ भी है. कर्मचारियों को पिछले 1 साल से वेतन नहीं मिला है. कभी यह संस्थान देश का गौरव कहा जाता था. आज भी इस संस्थान को रॉ मैटेरियल मिले तो एक से एक नायाब चीजें तैयार करने की क्षमता है. लेकिन भारी उद्योग मंत्रालय के रुख से ऐसा लग रहा है कि इस संस्थान को जमींदोज कर दिया जाएगा. हड़ताली इंजीनियरों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. सबसे खास बात है कि इतना कुछ होने के बावजूद अब तक किसी को स्थाई सीईओ नहीं दिया गया है.

साल 1960 से 1990 तक एचईसी का स्वर्णिल काल रहा. लेकिन समय के साथ इसकी स्थिति बिगड़ती रही. यह संस्थान सिर्फ राजनीतिक नारों में सिमट कर रह गया है. सेना, रेलवे के अलावा इसरो के लॉचिंग पैड स्ट्रक्चर को तैयार करने की ताकत रखने वाले इस संस्थान को खुद बैसाखी की जरूरत है. इसी संस्थान के क्षेत्र में जेएससीए, प्रोजेक्ट भवन, विधानसभा का संचालन हो रहा है. लेकिन इसकी हालत सुधरने के बजाए बिगड़ती जा रही है.

Last Updated : Jan 27, 2023, 10:56 AM IST
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