रांची: झारखंड के संथाल परगना के बड़े माओवादी नेता सहदेव राय उर्फ ताला दा की पुलिस मुठभेड़ में मौत की जांच अब सीआईडी करेगी. 13 जनवरी को दुमका के शिकारीपाड़ा इलाके में पुलिस और एसएसपी जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 लाख का ईनामी ताला मारा गया था.
दुमका एसपी वाईएस रमेश ने ताला की मौत की जांच सीआईडी से कराने का प्रस्ताव सीआईडी मुख्यालय को भेजा है. सीआईडी अब शिकारीपाड़ा थाना में मुठभेड़ से संबंधित कांड का एफआईआर लेकर अनुसंधान शुरू करेगी. ताला दा के खिलाफ 50 से अधिक माओवादी हमले से जुड़े कांड दर्ज थे.
एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड का साजिशकर्ता था ताला
2 जुलाई 2013 को दुमका-पाकुड़ रोड में काठीकुंड में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार और उनके पांच बॉडीगार्ड को माओवादियों ने मार डाला था. एसपी अमरजीत बलिहार को ताला दा ने खुद सिर में गोली मारी थी. पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के बाद ताला व अन्य मौके से भाग खड़े हुए थे. हत्याकांड में ताला को मौत की सजा मिली थी.
ताला के पिता ने रखी थी संताल में माओवाद की नींव
सहदेव राय उर्फ ताला दुमका के काठीकुंड के सरूआपानी गांव का रहने वाला था. उसके पिता बद्री राय ने संथाल में माओवादी संगठन की नींव रखी थी. बद्री राय के दोनों बेटे रामलाल राय और सहदेव राय उर्फ ताला भी माओवादी संगठन से जुड़े. रामलाल फिलहाल जेल में है, जबकि ताला मुठभेड़ में मारा गया.