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ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी की जांच शुरू, CID ने किया केस को टेकओवर

झारखंड के गिरिडीह में बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से 2 हजार टन कोयला चोरी का मामला सामने आया था. जिसके बाद पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद सीआईडी ने पूरे केस को टेकओवर कर लिया है.

cid will investigate coal theft case from brahmadiha coal block giridih
झारखंड सीआईडी
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Published : Apr 2, 2021, 12:54 PM IST

रांचीः झारखंड के गिरिडीह में बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी मामले की जांच अब झारखंड सीआईडी की टीम करेगी. पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सीआईडी की टीम ने केस को टेकओवर कर लिया है. बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से चोरी के मामले को ईटीवी भारत ने बड़े ही प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी.

इसे भी पढ़ें- ब्रह्मडीहा कोल माइंस घोटाला: ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत, सुनिए उत्पादन से लेकर विवाद तक की कहानी



CBI अफसर बनकर करवाई जा रही थी कोयला चोरी
बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीआईडी जांच करेगी. झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद सीआईडी ने पूरे केस को टेकओवर कर लिया है. इसके लिए सीआईडी की ओर से टीम भी गठित कर दी गई है. इस मामले में सीबीआई के फर्जी अधिकारियों पर ही मामला दर्ज था. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2020 में खुद को सीबीआई का अधिकारी बता चार लोग कोल ब्लॉक में आए थे. फर्जी कागजात दिखाकर जब्त कोयले की बिक्री संबंधी बात कर तकरीबन 2 हजार टन कोयला स्टॉक से चोरी कर ली. मामला सामने आने के बाद मुफस्सिल थाने में इस संबंध में चार अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

पूर्व सीएम बाबूलाल ने की थी सीबीआई जांच की मांग
कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी ने की थी. बाबुलाल मरांडी ने पूरे मामले में जांच के लिए सीबीआई निदेशक को पत्र भी लिखा था. जिसके बाद सीबीआई मुख्यालय ने पूरे मामले में राज्य पुलिस मुख्यालय को पत्राचार कर जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया था. बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले में 26 जून 2020 को सीबीआई निदेशक को पत्र लिखा था. जिसमें बताया गया था कि सीबीआई की ओर से उठाव पर रोक के बावजूद लॉकडाउन के दौरान भी कोयले की चोरी जारी रही. कोयला चोरी में धनबाद की कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे.

इसे भी पढ़ें- पूर्व मंत्री साइमन मरांडी ने BGR कंपनी पर लगाया कोयला चोरी कराने का आरोप, कंपनी ने कहा- अपना सामान कोई चोरी नहीं कराता

अवैध कारोबारियों और स्थानीय राजनेताओं की गठजोड़

बाबूलाल मरांडी ने मांग की थी कि खेल के पीछे शामिल लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच की जाए. बाबूलाल मरांडी ने आशंका जाहिर की थी कि मामले में कोयला के अवैध कारोबारियों और स्थानीय राजनेताओं की गठजोड़ की भूमिका है. बाबूलाल मरांडी के पत्र के बाद सीबीआई के निर्देश पर तत्कालीन हजारीबाग डीआईजी ने एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजा था. मुख्यालय के आदेश के बाद अब सीआईडी मामले की जांच कर करेगी.

पूर्व राज्यसभा सांसद को मिला था कोल ब्लाक का आवंटन

गिरिडीह के ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक का आवंटन पूर्व राज्यसभा सांसद परमेश्वर अग्रवाल की माइनिंग कंपनी को 30 सालों के लिए किया गया था. परमेश्वर अग्रवाल की मौत के बाद कोल ब्लॉक पर उनके भाई महेंद्र अग्रवाल ने दावा किया था. साल 2011 में कोल ब्लॉक पूरी तरह बंद हो गया था. कोलगेट घोटाले की जांच के दौरान कॉल ब्लॉक में 16 हजार टन कोयला का स्टॉक जब्त किया गया था. फरवरी 2020 में फर्जी कागजात के आधार पर 2 हजार टन कोयला धनबाद की एक कंपनी की ओर से उठवा लिया गया था. मामला सामने आने के बाद मुफस्सिल थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी.

रांचीः झारखंड के गिरिडीह में बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी मामले की जांच अब झारखंड सीआईडी की टीम करेगी. पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सीआईडी की टीम ने केस को टेकओवर कर लिया है. बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से चोरी के मामले को ईटीवी भारत ने बड़े ही प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी.

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CBI अफसर बनकर करवाई जा रही थी कोयला चोरी
बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीआईडी जांच करेगी. झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद सीआईडी ने पूरे केस को टेकओवर कर लिया है. इसके लिए सीआईडी की ओर से टीम भी गठित कर दी गई है. इस मामले में सीबीआई के फर्जी अधिकारियों पर ही मामला दर्ज था. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2020 में खुद को सीबीआई का अधिकारी बता चार लोग कोल ब्लॉक में आए थे. फर्जी कागजात दिखाकर जब्त कोयले की बिक्री संबंधी बात कर तकरीबन 2 हजार टन कोयला स्टॉक से चोरी कर ली. मामला सामने आने के बाद मुफस्सिल थाने में इस संबंध में चार अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

पूर्व सीएम बाबूलाल ने की थी सीबीआई जांच की मांग
कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी ने की थी. बाबुलाल मरांडी ने पूरे मामले में जांच के लिए सीबीआई निदेशक को पत्र भी लिखा था. जिसके बाद सीबीआई मुख्यालय ने पूरे मामले में राज्य पुलिस मुख्यालय को पत्राचार कर जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया था. बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले में 26 जून 2020 को सीबीआई निदेशक को पत्र लिखा था. जिसमें बताया गया था कि सीबीआई की ओर से उठाव पर रोक के बावजूद लॉकडाउन के दौरान भी कोयले की चोरी जारी रही. कोयला चोरी में धनबाद की कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे.

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अवैध कारोबारियों और स्थानीय राजनेताओं की गठजोड़

बाबूलाल मरांडी ने मांग की थी कि खेल के पीछे शामिल लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच की जाए. बाबूलाल मरांडी ने आशंका जाहिर की थी कि मामले में कोयला के अवैध कारोबारियों और स्थानीय राजनेताओं की गठजोड़ की भूमिका है. बाबूलाल मरांडी के पत्र के बाद सीबीआई के निर्देश पर तत्कालीन हजारीबाग डीआईजी ने एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजा था. मुख्यालय के आदेश के बाद अब सीआईडी मामले की जांच कर करेगी.

पूर्व राज्यसभा सांसद को मिला था कोल ब्लाक का आवंटन

गिरिडीह के ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक का आवंटन पूर्व राज्यसभा सांसद परमेश्वर अग्रवाल की माइनिंग कंपनी को 30 सालों के लिए किया गया था. परमेश्वर अग्रवाल की मौत के बाद कोल ब्लॉक पर उनके भाई महेंद्र अग्रवाल ने दावा किया था. साल 2011 में कोल ब्लॉक पूरी तरह बंद हो गया था. कोलगेट घोटाले की जांच के दौरान कॉल ब्लॉक में 16 हजार टन कोयला का स्टॉक जब्त किया गया था. फरवरी 2020 में फर्जी कागजात के आधार पर 2 हजार टन कोयला धनबाद की एक कंपनी की ओर से उठवा लिया गया था. मामला सामने आने के बाद मुफस्सिल थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी.

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