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सिमडेगा में चांदी चोरी मामलाः जेल में बंद आरोपी पुलिसकर्मियों से CID ने की पूछताछ

चांदी चोरी मामले में तीन सिमडेगा पुलिस (Simdega Police) के जवानों को आरोपी बनाया गया है. तीनों आरोपी जेल में बंद हैं. सीआईडी ने आरोपी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की है.

CID interrogated Simdega policemen accused
सिमडेगा में चांदी चोरी मामला
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Published : Nov 24, 2021, 10:59 AM IST

रांचीः रायपुर के ज्वेलरी दुकान से लाखों रुपये के चांदी की चोरी हुई थी. इस चोरी के चांदी को सिमडेगा पुलिस के तीन जवानों जवानों ने छिपा दिया था. इस मामले में सीआईडी ने तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब आरोपी पुलिसकर्मियों से सीआईडी ने जेल में जाकर बयान लिया है. सीआईडी के सामने आरोपी पुलिसकर्मियों ने पूरे मामले में अपनी संलिप्तता से संबंधित जानकारी दी है.

यह भी पढ़ेंःJharkhand Crime :चांदी चोरी मामले में सिमडेगा पुलिस से सीआईडी की पूछताछ, एसपी की भूमिका पर भी संदेह

मिली जानकारी के मुताबिक सीआईडी की दो टीमें सिमडेगा गई थीं. एक टीम ने जेल में पहुंचकर पूर्व थानेदार आशीष कुमार, प्रशिक्षू दारोगा संदीप कुमार और पुलिस के चालक से पूछताछ की है. पूछताछ के दौरान तीनों पुलिसकर्मियों ने स्वीकार किया है कि चोरों के पास से बरामद चांदी की खेप छिपायी थी. इसके बाद एसआईटी ने चांदी की बड़ी खेप सिमडेगा में ही एक नदी के समीप से बरामद किया था. वहीं, दूसरी खेप ओडिशा के वीरमित्रापुर से बरामद किया था.

मोबाइल फोन भी सीआईडी ने किया जब्त
सीआईडी ने आरोपी तीनों पुलिसकर्मियों का मोबाइल फोन भी जब्त किया है. मोबाइल फोन के डिलिट किए गए व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल्स को रिस्टोर करने के लिए एफएसएल को भेजा जाएगा. सीआईडी अधिकारी सूत्रों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने बरामद चांदी को खपाने की साजिश आपसी बातचीत व चैट के जरिए रची थी या फिर इसमें कोई और प्लेयर संलिप्त है.

एसपी की भूमिका भी संदिग्ध
इस मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. सीआईडी के प्रारंभिक जांच में भी यह तथ्य आया है कि अंतरराज्यीय मामला होने के बाद भी एसपी ने इस मामले की जानकारी रायपुर पुलिस को नहीं दी. इसके साथ ही जांच के लिए आई रायपुर पुलिस की टीम को अनुसंधान से रोका भी गया. इसके साथ ही इस कांड के आरोपी तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया. लेकिन पुलिस ने पांच अक्तूबर को एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार चार में से सिर्फ दो आरोपियों को ही जेल भेजा. इतना ही नहीं, इस मामले के अनुसंधान से स्थानीय इंस्पेक्टर और डीएसपी को दूर रखा गया था.


रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ
सिमडेगा पुलिस की इस मामले में फजीहत होने के बाद थानेदार आशीष कुमार, दरोगा संदीप कुमार और थाने के चालक को जेल भेजा गया था. सीआईडी अब इस मामले में जल्द ही जेल भेजे गए पुलिस को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. इसके बाद जांच में मिले तथ्यों के आधार पर 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर किया जाएगा. सीआईडी में केस के सुपरविजन की जिम्मेदारी परवेज आलम को दी गई है. मामले की जांच में मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी के अलावे रांची सीआईडी टीम प्रभारी रविकांत प्रसाद को सहायक अनुसंधान पदाधिकारी बनाया गया है.

रांचीः रायपुर के ज्वेलरी दुकान से लाखों रुपये के चांदी की चोरी हुई थी. इस चोरी के चांदी को सिमडेगा पुलिस के तीन जवानों जवानों ने छिपा दिया था. इस मामले में सीआईडी ने तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब आरोपी पुलिसकर्मियों से सीआईडी ने जेल में जाकर बयान लिया है. सीआईडी के सामने आरोपी पुलिसकर्मियों ने पूरे मामले में अपनी संलिप्तता से संबंधित जानकारी दी है.

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मिली जानकारी के मुताबिक सीआईडी की दो टीमें सिमडेगा गई थीं. एक टीम ने जेल में पहुंचकर पूर्व थानेदार आशीष कुमार, प्रशिक्षू दारोगा संदीप कुमार और पुलिस के चालक से पूछताछ की है. पूछताछ के दौरान तीनों पुलिसकर्मियों ने स्वीकार किया है कि चोरों के पास से बरामद चांदी की खेप छिपायी थी. इसके बाद एसआईटी ने चांदी की बड़ी खेप सिमडेगा में ही एक नदी के समीप से बरामद किया था. वहीं, दूसरी खेप ओडिशा के वीरमित्रापुर से बरामद किया था.

मोबाइल फोन भी सीआईडी ने किया जब्त
सीआईडी ने आरोपी तीनों पुलिसकर्मियों का मोबाइल फोन भी जब्त किया है. मोबाइल फोन के डिलिट किए गए व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल्स को रिस्टोर करने के लिए एफएसएल को भेजा जाएगा. सीआईडी अधिकारी सूत्रों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने बरामद चांदी को खपाने की साजिश आपसी बातचीत व चैट के जरिए रची थी या फिर इसमें कोई और प्लेयर संलिप्त है.

एसपी की भूमिका भी संदिग्ध
इस मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. सीआईडी के प्रारंभिक जांच में भी यह तथ्य आया है कि अंतरराज्यीय मामला होने के बाद भी एसपी ने इस मामले की जानकारी रायपुर पुलिस को नहीं दी. इसके साथ ही जांच के लिए आई रायपुर पुलिस की टीम को अनुसंधान से रोका भी गया. इसके साथ ही इस कांड के आरोपी तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया. लेकिन पुलिस ने पांच अक्तूबर को एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार चार में से सिर्फ दो आरोपियों को ही जेल भेजा. इतना ही नहीं, इस मामले के अनुसंधान से स्थानीय इंस्पेक्टर और डीएसपी को दूर रखा गया था.


रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ
सिमडेगा पुलिस की इस मामले में फजीहत होने के बाद थानेदार आशीष कुमार, दरोगा संदीप कुमार और थाने के चालक को जेल भेजा गया था. सीआईडी अब इस मामले में जल्द ही जेल भेजे गए पुलिस को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. इसके बाद जांच में मिले तथ्यों के आधार पर 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर किया जाएगा. सीआईडी में केस के सुपरविजन की जिम्मेदारी परवेज आलम को दी गई है. मामले की जांच में मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी के अलावे रांची सीआईडी टीम प्रभारी रविकांत प्रसाद को सहायक अनुसंधान पदाधिकारी बनाया गया है.

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