रांची: झारखंड सीआईडी कई महत्वपूर्ण कांडों की जांच कर रही है. ऐसे में यह जरूरी है कि सीआईडी के अनुसंधान की गुणवत्ता बेहतर हो, ताकि आरोपियों को सजा दिलाई जा सके. सीआईडी के अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने और केस को टेकओवर करने को लेकर अब एक नई एसओपी तैयार की गई है. सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है, जिसकी जानकारी सभी जिलों के एसपी को भी दी गई है.
दस्तावेजों का होगा पहले भौतिक सत्यापन
सीआईडी एडीजी के आदेश में यह जिक्र है कि समय-समय पर विभिन्न जिलों में दर्ज आपराधिक कांडों का निष्पक्ष और बेहतर जांच के लिए सीआईडी के ओर से टेकओवर किया जाता है. मामले की जांच के लिए टेकओवर किए गए कांडों के संपूर्ण दस्तावेज के संबंधित जिलों से मांगे जाते हैं. जिलों के ओर से उपलब्ध करवाए गए अभिलेखों और दस्तावेजों की गहराई से जांच के लिए यह जरूरी है कि सभी का अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से हो. एडीजी के आदेश में यह भी लिखा है कि प्राप्त अभिलेखों का स्वछता पूर्वक अध्ययन तार्किक विश्लेषण कर ही किसी कांड में निर्णय पर पहुंचा जा सकता है. ऐसे में जिलों से प्राप्त अभिलेख मूल कांड, दैनिकी, छाया प्रति कांड दैनिकी, अनुसंधान में न्यायालय से किए गए पत्राचार की प्रति, बैंक से किए गए पत्राचार की प्रति, टेक्निकल सेल से किए गए पत्राचार क प्रति, भेजे गए नोटिस की प्रति, अन्य सरकारी और गैर सरकारी संस्थान से किए गए पत्राचार आदि अभिलेख कांड के अनुसंधान में काफी महत्वपूर्ण है. सभी दस्तावेजों का गहन अध्ययन कर मामले को सुलझाने में कारगर साबित होगा.
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पुलिस अफसर को दर्ज करवाना होगा बयान
सीआईडी एडीजी के अनुसार कांडों का प्रभार जिला से सीआईडी के ओर से टेकओवर करते समय प्रभार ग्रहण करने वाले सीआईडी के अधिकारी, पूर्व अनुसंधान अधिकारी रहे पुलिस अधिकारी का बयान भी दर्ज किया जाएगा. सीआईडी के पदाधिकारी भी अगर केस दूसरे पदाधिकारी को सौंपेंगे तब भी नए अनुसंधानकों को केस में बयान दर्ज कराना है.
सीआईडी के डीएसपी का वेतन रुका
वहीं दूसरी तरफ सीआईडी मुख्यालय से यह भी सूचना है कि सीआईडी के डीएसपी तौकीर आलम का वेतन मुख्यालय ने रोक दिया है. सीआईडी के एसपी अंजनी झा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. सीआईडी एसपी अंजनी झा के आदेश में बताया गया है कि तौकीर आलम ने 14 दिसंबर 2020 से 15 दिनों का अवकाश लिया था, 5 जनवरी को उन्होंने दोबारा क्षतिपूर्ति अवकाश के लिए आवेदन दिया, लेकिन छुट्टी खत्म होने के बाद भी कार्यालय नहीं लौटने के कारण उनका वेतन रोक जा रहा है.