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रांची में श्रद्धाभाव से की गई भगवान चित्रगुप्त की पूजा, चित्रांश समाज के लोगों में दिखा उल्लास

रांची में चित्रगुप्त पूजा विधि-विधान और श्रद्धाभाव से की गई. इस अवसर पर चित्रांश समाज के लोगों ने कलम दवात की भी पूजा की. इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इस दौरान चित्रांश समाज के लोगों में खासा उल्लास नजर आया. Chitragupt puja celebrated in Ranchi.

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Chitragupt Puja Celebrated With Pomp In Ranchi
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 15, 2023, 9:04 PM IST

रांची: राजधानी रांची में चित्रांश समाज के लोगों ने धूमधाम से चित्रगुप्त पूजा की. शहरी क्षेत्र में बिहार क्लब, कचहरी रोड, धुर्वा, हिनू, बरियातू, कोकर सहित कई स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर भक्तों ने पूजा-अर्चना की. चित्रगुप्त पूजा में चित्रांश समाज की भागीदारी सबसे अधिक देखी जा रही है. चित्रांश समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ कलम-दवात और किताब-कॉपी की भी पूजा की.

ये भी पढ़ें-Kali Puja 2023: दीपोत्सव के साथ काली पूजा की धूम, देर रात तक होती रही मां की आराधना

गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष सहित कई गणमान्य लोगों ने भी की भगवान चित्रगुप्त की पूजाः बिहार क्लब में आयोजित चित्रगुप्त पूजा में राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा, राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर डॉ सीबी सहाय, अजीत सहाय, मुकेश सिन्हा, मनोज सिन्हा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने सामूहिक चित्रगुप्त पूजा में भाग लिया. ऐसी मान्यता है कि पूरे ब्रह्मांड के न्यायकर्ता भगवान चित्रगुप्त ही हैं और उनकी पूजा-अर्चना जनकल्याण के लिए की जाता है.

ऐसे की जाती है भगवान चित्रगुप्त की पूजाः चित्रगुप्त पूजा के दिन घरों में भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित की जाती है. भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष घी और शक्कर से बनी मिठाई और मौसमी फलों का भोग चढ़ाया जाता है. चित्रगुप्त भगवान को भोग के रूप में अर्पण प्रसाद को चित्रांश समाज के लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. भोग अर्पण के बाद परिवार और स्वजनों के साथ भगवान चित्रगुप्त की आरती की जाती है. इसके बाद सादे कागज पर पान के डंठल और रोड़ी से हर चित्रांश परिवार अपने आमद और खर्च का हिसाब लिखते हैं और इस पन्ने को भगवान चित्रगुप्त के चरणों में इस कामना के साथ अर्पित की जाती है कि भगवान चित्रगुप्त सभी भक्तों और श्रद्धालुओं के आमद और खर्च का ख्याल पूरे वर्ष रखेंगे.

रांची: राजधानी रांची में चित्रांश समाज के लोगों ने धूमधाम से चित्रगुप्त पूजा की. शहरी क्षेत्र में बिहार क्लब, कचहरी रोड, धुर्वा, हिनू, बरियातू, कोकर सहित कई स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर भक्तों ने पूजा-अर्चना की. चित्रगुप्त पूजा में चित्रांश समाज की भागीदारी सबसे अधिक देखी जा रही है. चित्रांश समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ कलम-दवात और किताब-कॉपी की भी पूजा की.

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गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष सहित कई गणमान्य लोगों ने भी की भगवान चित्रगुप्त की पूजाः बिहार क्लब में आयोजित चित्रगुप्त पूजा में राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा, राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर डॉ सीबी सहाय, अजीत सहाय, मुकेश सिन्हा, मनोज सिन्हा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने सामूहिक चित्रगुप्त पूजा में भाग लिया. ऐसी मान्यता है कि पूरे ब्रह्मांड के न्यायकर्ता भगवान चित्रगुप्त ही हैं और उनकी पूजा-अर्चना जनकल्याण के लिए की जाता है.

ऐसे की जाती है भगवान चित्रगुप्त की पूजाः चित्रगुप्त पूजा के दिन घरों में भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित की जाती है. भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष घी और शक्कर से बनी मिठाई और मौसमी फलों का भोग चढ़ाया जाता है. चित्रगुप्त भगवान को भोग के रूप में अर्पण प्रसाद को चित्रांश समाज के लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. भोग अर्पण के बाद परिवार और स्वजनों के साथ भगवान चित्रगुप्त की आरती की जाती है. इसके बाद सादे कागज पर पान के डंठल और रोड़ी से हर चित्रांश परिवार अपने आमद और खर्च का हिसाब लिखते हैं और इस पन्ने को भगवान चित्रगुप्त के चरणों में इस कामना के साथ अर्पित की जाती है कि भगवान चित्रगुप्त सभी भक्तों और श्रद्धालुओं के आमद और खर्च का ख्याल पूरे वर्ष रखेंगे.

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