रांची: कोरोना की दूसरी लहर किस तरह से तबाही मचा रहा है यह हम सब देख रहे हैं. मौत देने वाला कोरोना अब सिर्फ बड़े बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि मासूमों को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में पिछले 45 दिनों में तीन हजार से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं. रांची में 1800, बोकारो में 275, देवघर में 167, पूर्वी सिंहभूम में 757, गिरिडीह में 90 और धनबाद में 127 बच्चे संक्रमित हुए हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार बताते हैं कि इस बार कोरोना बच्चों को बहुत ज्यादा इफेक्ट कर रहा है. कोरोना का स्ट्रेन बच्चों के लिए बहुत घातक है. लेकिन, इन सबके बीच राहत की बात ये है कि बच्चे तेजी से रिकवर भी कर रहे हैं.
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साइलेंट स्प्रेडर होते हैं बच्चे
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे साइलेंट स्प्रेडर होते हैं क्योंकि बच्चे अपने संक्रमण के बारे में कुछ बोल भी नहीं सकते. ऐसे में कई बार बड़े-बुजुर्ग भी बच्चे को गोद में लेने के दौरान संक्रमित हो जाते हैं. बच्चों को जब भी गोद में लेना पड़े तो पहले हाथ धो लें या सेनेटाइज कर लें. दूसरे स्ट्रेन में कोरोना से दो तरह की उम्र के बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. 1 वर्ष तक के बच्चे और 8 से 10 वर्ष तक के बच्चों में इंफेक्शन होने का ज्यादा खतरा होता है. 8 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों के फेफड़े पर कोरोना ज्यादा असर करता है. नवजात भी संक्रमित हो जा रहे हैं.
बच्चों के खानपान पर दें विशेष ध्यान
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि छोटे बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए उनके खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों को प्रोटीन युक्त खाना दें क्योंकि यह इम्युनिटी बढ़ाने में काफी मदद करता है. इसके अलावा बच्चों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मौसमी फल दें. विशेषज्ञों को मुताबिक कई बार बच्चे को अगर बुखार आता है तो अभिभावक मौसमी बुखार कह कर नजरअंदाज कर देते हैं और कोरोना जांच कराने से परहेज करते हैं. ऐसे में खतरा और बढ़ जाता है. वर्तमान हालात को देखते हुए बच्चों के साथ विशेष सावधानी बरतें. अभी किसी भी हाल में बाहर न जाने दें क्योंकि बचाव ही जिंदगी है.