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सीसीएल अस्पताल की महिला डॉक्टर के घर में हादसा, 15 साल की मासूम की जलने से मौत - रांची के गांधीनगर कॉलोनी मे झुलसी बच्ची

रांची में सीसीएल अस्पताल की डाइटीशियन सोमापिका दास के घर काम करने वाली मौसमी बावरी आग में झुलस गई. जिसके बाद आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.

झुलसने ने बच्ची की मौत
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Published : Nov 21, 2019, 2:36 PM IST

रांची: शहर के गांधीनगर कॉलोनी में एक 15 वर्षीय बच्ची की आग में झुलस गई. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बच्ची सीसीएल अस्पताल की डाइटीशियन सोमापिका दास के घर काम करती थी.

देखें पूरी खबर

क्या है पूरा मामला
बंगाल के पुरुलिया की रहने वाली 15 वर्षीय मौसमी बावरी डॉक्टर समापिका दास के यहां पिछले 2 सालों से मेड के रूप में काम कर रही थी. मिली जानकारी के अनुसार बच्ची माचिस से खेल रही थी, इसी दौरान आग लग गई और बच्ची बुरी तरह से झुलस गई. आनन-फानन में बच्ची को रांची के देवकमल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें:- रांची में युवती से दुष्कर्म, आरोपी ने कहा- किसी को बताया तो जान से मार दूंगा


जांच में जुटी पुलिस
मामले की जानकारी मिलते ही गोंदा पुलिस मौके पर पहुंच मामले की तफ्तीश में जुट गई है. पुलिस के अनुसार फिलहाल बच्ची का पोस्टमार्टम रांची के रिम्स अस्पताल में करवाया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कुछ और तथ्य सामने आ सकते हैं. वहीं, डॉक्टर के परिवार ने इस घटना को हादसा बताया है. डॉक्टर के अनुसार वह हॉस्पिटल चली गई थी, इसी दौरान घर में बच्ची के साथ यह हादसा हुआ है. उस समय घर में भी कोई मौजूद नहीं था.

डाक्टर परिवार बहुत मददगार है
एक तरफ इस मामले को लेकर जहां पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ बच्ची की मां ने बताया कि उनकी बच्ची डॉक्टर के यहां अपने मर्जी से रह रही थी. दरअसल डॉक्टर परिवार बच्ची को अपने बच्चे की तरह रख रहे थे और उसकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी उठा रखा था. इसी वजह से कई बार जब उन्होंने उसे वापस जाने को कहा तब भी वह तैयार नहीं हुई. बच्ची की मां के अनुसार डॉक्टर परिवार समय-समय पर उनकी आर्थिक मदद भी किया करता था.

रांची: शहर के गांधीनगर कॉलोनी में एक 15 वर्षीय बच्ची की आग में झुलस गई. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बच्ची सीसीएल अस्पताल की डाइटीशियन सोमापिका दास के घर काम करती थी.

देखें पूरी खबर

क्या है पूरा मामला
बंगाल के पुरुलिया की रहने वाली 15 वर्षीय मौसमी बावरी डॉक्टर समापिका दास के यहां पिछले 2 सालों से मेड के रूप में काम कर रही थी. मिली जानकारी के अनुसार बच्ची माचिस से खेल रही थी, इसी दौरान आग लग गई और बच्ची बुरी तरह से झुलस गई. आनन-फानन में बच्ची को रांची के देवकमल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई.

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जांच में जुटी पुलिस
मामले की जानकारी मिलते ही गोंदा पुलिस मौके पर पहुंच मामले की तफ्तीश में जुट गई है. पुलिस के अनुसार फिलहाल बच्ची का पोस्टमार्टम रांची के रिम्स अस्पताल में करवाया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कुछ और तथ्य सामने आ सकते हैं. वहीं, डॉक्टर के परिवार ने इस घटना को हादसा बताया है. डॉक्टर के अनुसार वह हॉस्पिटल चली गई थी, इसी दौरान घर में बच्ची के साथ यह हादसा हुआ है. उस समय घर में भी कोई मौजूद नहीं था.

डाक्टर परिवार बहुत मददगार है
एक तरफ इस मामले को लेकर जहां पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ बच्ची की मां ने बताया कि उनकी बच्ची डॉक्टर के यहां अपने मर्जी से रह रही थी. दरअसल डॉक्टर परिवार बच्ची को अपने बच्चे की तरह रख रहे थे और उसकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी उठा रखा था. इसी वजह से कई बार जब उन्होंने उसे वापस जाने को कहा तब भी वह तैयार नहीं हुई. बच्ची की मां के अनुसार डॉक्टर परिवार समय-समय पर उनकी आर्थिक मदद भी किया करता था.

Intro:रांची ।
रांची के गांधीनगर कॉलोनी में रहने वाली सीसीएल अस्पताल की डाइटीशियन सोमापिका दास के घर काम करने वाली एक 15 वर्षीय बच्ची की आग में झुलसने की वजह से इलाज के दौरान मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला
बंगाल के पुरुलिया की रहने वाली 15 वर्षीय मौसमी बावरी डॉक्टर समापिका दास के यहां पिछले 2 सालों से मेड के रूप में काम कर रही थी। मिली जानकारी के अनुसार बच्ची माचिस से खेल रही थी इसी दौरान आग लग गई और बच्ची बुरी तरह से झुलस गई आनन-फानन में बच्ची को रांची के देवकमल अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई।
जांच में जुटी पुलिस
मामले की जानकारी मिलते ही गोंदा पुलिस मौके पर पहुंच मामले की तफ्तीश में जुट गई है। पुलिस के अनुसार फिलहाल बच्ची का पोस्टमार्टम रांची का रिम्स अस्पताल में करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कुछ और तथ्य आ सकते हैं। वही डॉक्टर के परिवार ने इस घटना को हादसा बताया है। डॉक्टर के अनुसार वह हॉस्पिटल चली गई थी इसी दौरान घर में बच्ची के साथ यह हादसा हुआ है उस समय घर में कोई मौजूद नहीं था।

डाक्टर परिवार बहुत मददगार है
वहीं इस मामले को लेकर एक तरफ पुलिस जहां तफ्तीश में जुटी हुई है। वहीं दूसरी तरफ बच्ची की मां ने बताया कि उनकी बच्ची डॉक्टर के यहां अपने मर्जी से रह रही थी ।दरअसल डॉक्टर परिवार बच्ची को अपने बच्चे की तरह रख रहे थे और उसकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी उठा रखा था ।इसी वजह से कई बार जब उन्होंने उसे वापस जाने को कहा तब भी वह तैयार नहीं हुई। बच्ची के मां के अनुसार डॉक्टर परिवार समय-समय पर उनकी आर्थिक मदद भी किया करता था ।

बाइट - लक्ष्मी देवी , मृतक की माँBody:1Conclusion:2
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