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मुख्य सचिव हाईकोर्ट में हुए हाजिर, अदालत ने बंद की अवमानना की करवाई - झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग में अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त के पद पर प्रोन्नति दिए जाने के बाद चल रही अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है.

Chief Secretary in Jharkhand High Court appeared
मुख्य सचिव हाईकोर्ट में हुए हाजिर
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Published : Mar 11, 2022, 8:49 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग में अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त के पद पर प्रोन्नति दिए जाने के बाद चल रही अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है. अदालत ने यह राहत शुक्रवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अदालत में उपस्थित होकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देने पर दी है. अदालत ने मुख्य सचिव के जवाब पर संतुष्टि जाहिर की है.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य रमन ने बताया कि मुरारी भगत ने अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त के पद पर पदोन्नति के लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को प्रोन्नति देने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार की ओर से आदेश जारी नहीं किया जा रहा था. इसके बाद मुरारी भगत ने अवमानना याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव और पथ निर्माण विभाग के सचिव को उपस्थित होने का आदेश दिया था. शुक्रवार को तीनों अधिकारी ऑनलाइन हाजिर हुए.

अधिवक्ता आदित्य रमन ने दी यह जानकारी

मुख्य सचिव ने अदालत को बताया कि अभियंता प्रमुख अपर आयुक्त के पद पर प्रोन्नति दे दी गई है. इस बाबत कैबिनेट के स्वीकृति की प्रत्याशा में नियमानुसार अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. अदालत ने मुख्य सचिव के इस कथन को स्वीकार करते हुए अवमानना याचिका समाप्त करने का आदेश दिया.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग में अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त के पद पर प्रोन्नति दिए जाने के बाद चल रही अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है. अदालत ने यह राहत शुक्रवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अदालत में उपस्थित होकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देने पर दी है. अदालत ने मुख्य सचिव के जवाब पर संतुष्टि जाहिर की है.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य रमन ने बताया कि मुरारी भगत ने अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त के पद पर पदोन्नति के लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को प्रोन्नति देने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार की ओर से आदेश जारी नहीं किया जा रहा था. इसके बाद मुरारी भगत ने अवमानना याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव और पथ निर्माण विभाग के सचिव को उपस्थित होने का आदेश दिया था. शुक्रवार को तीनों अधिकारी ऑनलाइन हाजिर हुए.

अधिवक्ता आदित्य रमन ने दी यह जानकारी

मुख्य सचिव ने अदालत को बताया कि अभियंता प्रमुख अपर आयुक्त के पद पर प्रोन्नति दे दी गई है. इस बाबत कैबिनेट के स्वीकृति की प्रत्याशा में नियमानुसार अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. अदालत ने मुख्य सचिव के इस कथन को स्वीकार करते हुए अवमानना याचिका समाप्त करने का आदेश दिया.

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