रांचीः सन 2021 में होनेवाली राष्ट्रीय जनगणना को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. झारखंड में इसके सफल संचालन के लिए मुख्य सचिव डीके तिवारी की अध्यक्षता में सोमवार को राज्यस्तरीय जनगणना समन्वय समिति की बैठक झारखंड मंत्रालय में हुई.
मुख्य सचिव ने हर स्तर पर जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने और ससमय कार्य को पूर्ण करने को लेकर जनगणना निदेशक को सभी डीसी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करने का निर्देश दिया. शिक्षा विभाग की ओर से सुझाव दिया गया कि यह कार्यकर्मियों की छुट्टियों में कराया जाए. इससे पढ़ाई भी बाधित नहीं होगी और काम भी हो जाएगा. वहीं एकल शिक्षक वाले स्कूलों के शिक्षकों को जनगणना में नहीं लगाने का भी आग्रह किया गया.
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दो फेज में होगा गणना का कार्य
जनगणना का कार्य दो चरणों में होगा. कार्यक्रम के अनुसार जनगणना कार्य 2020 के जनवरी से शुरू होकर मार्च 2021 तक चलेगा. पहले चरण में घरों पर निशान लगा उसकी गणना की जाएगी. यह कार्य अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच होगा. वहीं जनगणना का कार्य 20 दिनों में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच संपन्न होगा. जनगणना के दौरान जो व्यक्ति देश में जहां भी रहेगा, वहीं उसकी गणना संपन्न होगी. उसके बाद रीविजन का कार्य एक मार्च से 5 मार्च 2021 तक चलेगा. घरों की गणना के दौरान ही नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का भी पुनर्रीक्षण कार्य भी होगा. डाटा में कोई अंतर नहीं आए, इसलिए क्षेत्रीय स्तर पर नए प्रशासनिक इकाई का सृजन या नामकरण नहीं होता है. जनगणना के दौरान व्यक्ति विशेष की ओर से दी गयी हर जानकारी गुप्त रहेगी.
मोबाइल ऐप के माध्यम से होगी जनगणना
इस बार जनगणना का कार्य मोबाइल ऐप के माध्यम से होगा. झारखंड के तीन शहर दुमका, सरायकेला-खरसावां और धनबाद में ऐप की सफल टेस्टिंग भी की जा चुकी है. वहीं जरूरत के अनुसार कागज पर भी यह कार्य होगा. जनगणना में कोई भी व्यक्ति स्वघोषित तरीके से भी अपना नाम जुड़वा सकेगा. पूरी जनगणना की मॉनिटरिंग सेन्सस वेब पोर्टल के माध्यम से होगी.