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झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सीएम ने दिए कई सवालों के जवाब, कहा- भरे जाएंगे आरक्षित रिक्त पद

झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान कई सदस्यों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने बैकलॉग के आरक्षित रिक्त पदों को भरने, संवैधानिक संस्थाओं में रिक्त पदों को भरने और दुमका में झारखंड हाई कोर्ट की बेंच से संबंधित सवालों के जवाब दिए हैं.

Hemant Soren, Chief Minister
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
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Published : Mar 21, 2022, 2:18 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कई सदस्यों के कई प्रश्नों के जवाब दिए हैं. सीएम ने विधायक बंधु तिर्की के सवाल कि क्या सरकार विभागों में बैकलॉग के आरक्षित रिक्त पदों को भरने के लिए नीतिगत विचार रखती है का जवाब दिया और कहा कि अब तक इस पर कोई नीतिगत फैसला नहीं हुआ है. लेकिन सरकार सभी रिक्त पदों को भरने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में भरोसा दिलाया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बैकलॉग मामलों का अध्ययन और आंकलन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग बिल पर झारखंड विधानसभा में हंगामा, वेल में आए बीजेपी विधायक

संवैधानिक संस्थाओं में रिक्त पड़े हैं पद: मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान बिरंची नारायण ने कहा कि राज्य में ज्यादातर संवैधानिक संस्थाओं और वैधानिक संस्थाओं के पद रिक्त पड़े हुए हैं. उन्होंने राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, महिला आयोग, सूचना आयोग, बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग, उपभोक्ता मामलों के आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, माटी कला बोर्ड, आवास बोर्ड, खनिज निगम, खादी बोर्ड जैसी संस्थाओं का हवाला दिया. इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कार्यवाही बहुत जल्द पूरी होगी. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के सदन में नहीं होने के कारण कुछ पदों को नहीं भरा जा पा रहा है. लेकिन शेष काम जल्द पूरा हो जाएगा.

दुमका में झारखंड हाई कोर्ट का बेंच: बीजेपी विधायक नारायण दास ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान संथाल परगना पर एक सवाल सीएम से पूछा. उन्होंने कहा कि इस प्रदेश की उपराजधानी दुमका में है फिर भी वहां झारखंड हाई कोर्ट बेंच गठित नहीं हो सका है. हाई कोर्ट का बेंच नहीं होने के कारण मामलों के निष्पादन को लेकर गरीबों को रांची आना पड़ता है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह दो संस्थाओं के बीच का नीतिगत सवाल है. इसमें विधायिका और न्यायपालिका की भूमिका सम्मिलित है. उन्होंने कहा कि इस बाबत हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भी लिखा गया है. उनसे दुमका में बेंच गठित करने का आग्रह भी किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सिर्फ आधारभूत संरचना मुहैया करा सकती है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि न्यायपालिका की तरफ से इस बाबत सकारात्मक पहल होगी.

विधानसभा में उठा मेनहर्ट का मुद्दा: प्रश्नकाल के दौरान सरयू राय ने रांची के सीवरेज ड्रेनेज निर्माण में अनियमितता और मैनहर्ट परामर्शी के चयन का मामला उठाया. इस मामले में सरकार ने सदन को बताया कि सभी आरोपियों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है. लेकिन अब तक सिर्फ दो लोगों की तरफ से जवाब आया. एक बार फिर 2 माह के अंदर जवाब मांगा जाएगा. सभी का जवाब आने के बाद ही एफआईआर की प्रक्रिया की जा सकती है. उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि परामर्शी मेनहर्ट के चयन में गड़बड़ी मामले में रघुवर दास भी आरोपी हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कई सदस्यों के कई प्रश्नों के जवाब दिए हैं. सीएम ने विधायक बंधु तिर्की के सवाल कि क्या सरकार विभागों में बैकलॉग के आरक्षित रिक्त पदों को भरने के लिए नीतिगत विचार रखती है का जवाब दिया और कहा कि अब तक इस पर कोई नीतिगत फैसला नहीं हुआ है. लेकिन सरकार सभी रिक्त पदों को भरने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में भरोसा दिलाया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बैकलॉग मामलों का अध्ययन और आंकलन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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संवैधानिक संस्थाओं में रिक्त पड़े हैं पद: मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान बिरंची नारायण ने कहा कि राज्य में ज्यादातर संवैधानिक संस्थाओं और वैधानिक संस्थाओं के पद रिक्त पड़े हुए हैं. उन्होंने राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, महिला आयोग, सूचना आयोग, बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग, उपभोक्ता मामलों के आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, माटी कला बोर्ड, आवास बोर्ड, खनिज निगम, खादी बोर्ड जैसी संस्थाओं का हवाला दिया. इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कार्यवाही बहुत जल्द पूरी होगी. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के सदन में नहीं होने के कारण कुछ पदों को नहीं भरा जा पा रहा है. लेकिन शेष काम जल्द पूरा हो जाएगा.

दुमका में झारखंड हाई कोर्ट का बेंच: बीजेपी विधायक नारायण दास ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान संथाल परगना पर एक सवाल सीएम से पूछा. उन्होंने कहा कि इस प्रदेश की उपराजधानी दुमका में है फिर भी वहां झारखंड हाई कोर्ट बेंच गठित नहीं हो सका है. हाई कोर्ट का बेंच नहीं होने के कारण मामलों के निष्पादन को लेकर गरीबों को रांची आना पड़ता है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह दो संस्थाओं के बीच का नीतिगत सवाल है. इसमें विधायिका और न्यायपालिका की भूमिका सम्मिलित है. उन्होंने कहा कि इस बाबत हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भी लिखा गया है. उनसे दुमका में बेंच गठित करने का आग्रह भी किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सिर्फ आधारभूत संरचना मुहैया करा सकती है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि न्यायपालिका की तरफ से इस बाबत सकारात्मक पहल होगी.

विधानसभा में उठा मेनहर्ट का मुद्दा: प्रश्नकाल के दौरान सरयू राय ने रांची के सीवरेज ड्रेनेज निर्माण में अनियमितता और मैनहर्ट परामर्शी के चयन का मामला उठाया. इस मामले में सरकार ने सदन को बताया कि सभी आरोपियों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है. लेकिन अब तक सिर्फ दो लोगों की तरफ से जवाब आया. एक बार फिर 2 माह के अंदर जवाब मांगा जाएगा. सभी का जवाब आने के बाद ही एफआईआर की प्रक्रिया की जा सकती है. उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि परामर्शी मेनहर्ट के चयन में गड़बड़ी मामले में रघुवर दास भी आरोपी हैं.

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