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भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड सरकार की सख्ती, जज समेत कई के खिलाफ जांच के आदेश

झारखंड सरकार ने एक बार फिर से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्ती बरती है. दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के आदेश सीएम हेमंत सोरेन ने दी है. इस मामले की जांच एसीबी करेगी. वहीं सरकार ने गिरिडीह के प्रधान डाकघर और टाउन उप डाकघर से फर्जी निकासी मामले की जांच सीबीआई से कराने का भी फैसला लिया है.

Jharkhand government strict against corruption
फाइल फोटो
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Published : May 30, 2020, 9:54 AM IST

Updated : May 30, 2020, 10:10 AM IST

रांची: दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच एसीबी करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर अपनी स्वीकृति दी है. दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दुमका नगर थाना में भारतीय वन अधिनियम-1927 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम– 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झारखंड (एसीबी) करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के पत्र के आलोक में ओम प्रकाश सिंह के विरुद्ध दर्ज मामले के अनुसंधान एसीबी को सौंपे जाने पर सहमति दे दी है.


गिरिडीह के प्रधान डाकघर और टाउन उप डाकघर से फर्जी निकासी मामले की जांच सीबीआई से कराने का भी सरकार ने फैसला लिया है. 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार, 635 रुपए की हुई फर्जी निकासी को लेकर गिरिडीह टाउन थाना में तकनीकी दर्ज है. गिरिडीह डिवीजन के अंतर्गत गिरिडीह के प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन उप डाकघर में जमा 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार, 635 रुपए की फर्जी निकासी के जरिए की गई धोखाधड़ी मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने के प्रस्वाव को स्वीकृति दी गई है. फर्जी निकासी के इस मामले में गिरिडीह नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है. डाक महाध्यक्ष (सेल्स एवं व्यय विभाग) झारखंड परिमंडल, रांची के जरिये इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था.

इसे भी पढे़ं:- लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधी उड़ा रहे लोगों के अकाउंट से पैसे, पुलिस की उड़ी नींद

कैसे हुई थी फर्जी निकासी

गिरिडीह जिले के प्रधान डाकघर से 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 के बीच 11,64,38,635 रुपए की फर्जी तरीके से निकासी की गई थी. इसके अंतर्गत गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को सूनियोजित साजिश रचकर और धोखा देकर व्यक्तिगत खातों में जमा कर दिया जाता था. इस मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और सहायक डाकपाल मो. अलताफ की संलिप्पता सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

वहीं गुमला के सब रजिस्ट्रार राम कुमार मधेसिया के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों की जांच का आदेश दिया गया है. मधेसिया के खिलाफ जमीन की खरीद-बिक्री या अन्य दस्तावेजों के निबंधन हेतु रिश्वत मांगी जाने की शिकायत दर्ज कराई गई है.

रांची: दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच एसीबी करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर अपनी स्वीकृति दी है. दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दुमका नगर थाना में भारतीय वन अधिनियम-1927 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम– 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झारखंड (एसीबी) करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के पत्र के आलोक में ओम प्रकाश सिंह के विरुद्ध दर्ज मामले के अनुसंधान एसीबी को सौंपे जाने पर सहमति दे दी है.


गिरिडीह के प्रधान डाकघर और टाउन उप डाकघर से फर्जी निकासी मामले की जांच सीबीआई से कराने का भी सरकार ने फैसला लिया है. 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार, 635 रुपए की हुई फर्जी निकासी को लेकर गिरिडीह टाउन थाना में तकनीकी दर्ज है. गिरिडीह डिवीजन के अंतर्गत गिरिडीह के प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन उप डाकघर में जमा 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार, 635 रुपए की फर्जी निकासी के जरिए की गई धोखाधड़ी मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने के प्रस्वाव को स्वीकृति दी गई है. फर्जी निकासी के इस मामले में गिरिडीह नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है. डाक महाध्यक्ष (सेल्स एवं व्यय विभाग) झारखंड परिमंडल, रांची के जरिये इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था.

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कैसे हुई थी फर्जी निकासी

गिरिडीह जिले के प्रधान डाकघर से 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 के बीच 11,64,38,635 रुपए की फर्जी तरीके से निकासी की गई थी. इसके अंतर्गत गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को सूनियोजित साजिश रचकर और धोखा देकर व्यक्तिगत खातों में जमा कर दिया जाता था. इस मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और सहायक डाकपाल मो. अलताफ की संलिप्पता सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

वहीं गुमला के सब रजिस्ट्रार राम कुमार मधेसिया के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों की जांच का आदेश दिया गया है. मधेसिया के खिलाफ जमीन की खरीद-बिक्री या अन्य दस्तावेजों के निबंधन हेतु रिश्वत मांगी जाने की शिकायत दर्ज कराई गई है.

Last Updated : May 30, 2020, 10:10 AM IST

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