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झारखंड की आर्थिक और सामाजिक विकास में नाबार्ड निभाए भूमिका, रोजगार को लेकर मुहैया कराए ऋणः मुख्यमंत्री

झारखंड प्रोजेक्ट भवन में बुधवार को नाबार्ड की ओर से स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-2023 का आयोजन किया गया. इस सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा आर्थिक विकास में नाबार्ड अपनी भूमिका निभाये. झारखंड में 70 प्रतिशथ से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. इनको बैंक सहज तरीके से ऋण मुहैया कराए.

Chief Minister Hemant Soren
झारखंड की आर्थिक व सामाजिक विकास में नाबार्ड निभाये भूमिका
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Published : Feb 23, 2022, 10:31 PM IST

रांचीः राज्य की आर्थिक और सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है. खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में नाबार्ड के साथ साथ अन्य नेशनलाइज बैंक और प्राइवेट बैंक अपना योगदान देते हैं. इसकी वजह है कि इन बैंकों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं. उक्त बातें बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड प्रोजेक्ट भावन में नाबार्ड की ओर से आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-2023 को संबोधित करते हुए कही.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में 70 प्रतिशथ से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में करते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर है. कोरोना संक्रमण के कारण व्यवस्थाएं और ज्यादा चरमरायी है. उन्होंने कहा कि राज्य में बैंक सभी वर्ग और समुदायों के लोगों को ऋण और अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए, ताकि उनकी स्थिति सुदृढ़ हो सके.



मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब, किसान, नौजवान और जरूरतमंदों के पास आर्थिक संसाधन नहीं होने के कारण रोजगार सृजन नहीं कर पा रहे हैं. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राज्य सरकार आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी वर्गों के लोगों का समान भागीदारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार आमलोग खासकर महिलाओं की ओर से ऋण नहीं मिलने की शिकायत मिलती है. इससे लगता है कि जरूरतमंदों के साथ बैंकों की रवैया ठीक नहीं है. बैंकिंग संस्थानों का यह रवैया ठीक नहीं है. बैंक अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में रोजगार सृजन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, प्रत्येक व्यक्ति को आवास, सिंचाई के लिए डैम-कैनाल निर्माण आदि योजनाओं पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सिंचाई योजना को शीघ्र पूरा कर हर खेत में पानी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी सौर ऊर्जा के माध्यम से घर-घर बिजली उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास में नाबार्ड के साथ साथ सभी बैंकों को गंभीरता के साथ कार्य करने की जरूरत है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में रोजगार सृजन करने वाली सभी व्यवस्थाएं लगभग बंद थी. इस स्थिति में कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र था, जिससे अर्थव्यवस्था को बचाया जा सका. कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ताकत रही है. खेती-कृषि कार्य को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वकांक्षी योजनाओं का संचालन किया है. बागवानी, पशुपालन के साथ साथ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऋण मुहैया कराया जा रहा है, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक जरूरतमंद लोगों को सरलता के साथ ऋण उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के पास अक्सर ग्रामीण अपनी फरियाद लेकर आते हैं, जिनके पास दुख, दर्द और तकलीफें होती हैं. संसाधन संपन्न और खुशहाल लोग अपनी फरियाद लेकर नहीं आते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नैतिक जिम्मेदारी उन्हें हरसंभव मदद करने की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड निश्चित रूप से एक विश्वसनीय और बड़ी संस्था है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर नाबार्ड राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी भूमिका निभाए.

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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि एसटी एससी समुदाय के लोगों को बैंकों की ओर से ऋण मुहैया नहीं कराई जाती है. उन्होंने कहा कि बैंक एससी एसटी कैटेगरी के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. राज्य सरकार ने 58 लाख बिरसा किसानों को एक छाता के नीचे लाने का काम किया है. इन बिरसा किसानों को केसीसी से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि राज्य में 35 लाख किसानों को पीएम सम्मान योजना का लाभ दिया गया है. लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड से 10 लाख से ज्यादा किसानों को नही जोड़ा जा सका है. मुख्य सचिव ने कहा कि नाबार्ड आने वाले एक वर्ष में शत प्रतिशत किसानों को केसीसी उपलब्ध कराए. नाबार्ड से मिलने वाले ऋण को दोगुना किया जाए. ऋण की राशि लगभग ढाई से तीन हजार करोड़ से अधिक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्किम के तहत किस जिले में कौन से उत्पाद को प्रमोट किया जाय, इसपर भी काम करने की जरूरत है. इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अब्बु बकर सिद्दिकी, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. गोप कुमारन नायर, महाप्रबंधक गौतम सिंह के साथ साथ आलाधिकारी उपस्थित थे.

रांचीः राज्य की आर्थिक और सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है. खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में नाबार्ड के साथ साथ अन्य नेशनलाइज बैंक और प्राइवेट बैंक अपना योगदान देते हैं. इसकी वजह है कि इन बैंकों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं. उक्त बातें बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड प्रोजेक्ट भावन में नाबार्ड की ओर से आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-2023 को संबोधित करते हुए कही.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में 70 प्रतिशथ से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में करते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर है. कोरोना संक्रमण के कारण व्यवस्थाएं और ज्यादा चरमरायी है. उन्होंने कहा कि राज्य में बैंक सभी वर्ग और समुदायों के लोगों को ऋण और अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए, ताकि उनकी स्थिति सुदृढ़ हो सके.



मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब, किसान, नौजवान और जरूरतमंदों के पास आर्थिक संसाधन नहीं होने के कारण रोजगार सृजन नहीं कर पा रहे हैं. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राज्य सरकार आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी वर्गों के लोगों का समान भागीदारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार आमलोग खासकर महिलाओं की ओर से ऋण नहीं मिलने की शिकायत मिलती है. इससे लगता है कि जरूरतमंदों के साथ बैंकों की रवैया ठीक नहीं है. बैंकिंग संस्थानों का यह रवैया ठीक नहीं है. बैंक अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में रोजगार सृजन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, प्रत्येक व्यक्ति को आवास, सिंचाई के लिए डैम-कैनाल निर्माण आदि योजनाओं पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सिंचाई योजना को शीघ्र पूरा कर हर खेत में पानी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी सौर ऊर्जा के माध्यम से घर-घर बिजली उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास में नाबार्ड के साथ साथ सभी बैंकों को गंभीरता के साथ कार्य करने की जरूरत है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में रोजगार सृजन करने वाली सभी व्यवस्थाएं लगभग बंद थी. इस स्थिति में कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र था, जिससे अर्थव्यवस्था को बचाया जा सका. कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ताकत रही है. खेती-कृषि कार्य को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वकांक्षी योजनाओं का संचालन किया है. बागवानी, पशुपालन के साथ साथ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऋण मुहैया कराया जा रहा है, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक जरूरतमंद लोगों को सरलता के साथ ऋण उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के पास अक्सर ग्रामीण अपनी फरियाद लेकर आते हैं, जिनके पास दुख, दर्द और तकलीफें होती हैं. संसाधन संपन्न और खुशहाल लोग अपनी फरियाद लेकर नहीं आते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नैतिक जिम्मेदारी उन्हें हरसंभव मदद करने की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड निश्चित रूप से एक विश्वसनीय और बड़ी संस्था है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर नाबार्ड राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी भूमिका निभाए.

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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि एसटी एससी समुदाय के लोगों को बैंकों की ओर से ऋण मुहैया नहीं कराई जाती है. उन्होंने कहा कि बैंक एससी एसटी कैटेगरी के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. राज्य सरकार ने 58 लाख बिरसा किसानों को एक छाता के नीचे लाने का काम किया है. इन बिरसा किसानों को केसीसी से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि राज्य में 35 लाख किसानों को पीएम सम्मान योजना का लाभ दिया गया है. लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड से 10 लाख से ज्यादा किसानों को नही जोड़ा जा सका है. मुख्य सचिव ने कहा कि नाबार्ड आने वाले एक वर्ष में शत प्रतिशत किसानों को केसीसी उपलब्ध कराए. नाबार्ड से मिलने वाले ऋण को दोगुना किया जाए. ऋण की राशि लगभग ढाई से तीन हजार करोड़ से अधिक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्किम के तहत किस जिले में कौन से उत्पाद को प्रमोट किया जाय, इसपर भी काम करने की जरूरत है. इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अब्बु बकर सिद्दिकी, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. गोप कुमारन नायर, महाप्रबंधक गौतम सिंह के साथ साथ आलाधिकारी उपस्थित थे.

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