रांची: राज्य में जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर हो रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 30 दिनों के भीतर जाति प्रमाण पत्र संबंधित विभाग को निर्गत करने का आदेश दिया है. झारखंड मंत्रालय में शुक्रवार को दिन भर चली बैठक में मुख्यमंत्री के द्वारा विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की गई. झारखंड मंत्रालय में करीब 7:30 घंटे तक चली मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अलावे विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, सचिव और जिलों के उपायुक्त मौजूद थे.
कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र 30 दिन के भीतर निर्गत कराना सुनिश्चित करें साथ ही वर्ग 9 से 12 तक में अध्ययनरत बच्चों को अभियान चलाकर प्राथमिकता के तौर पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की दिशा में स्कूली शिक्षा विभाग और प्रज्ञा केंद्र के बीच बेहतर समन्वय बनाकर प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में तेजी लाए जाए. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि पंचायत स्तरीय दवा दुकान योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत ग्रामीण युवाओं को दवा दुकान के लिए लाइसेंस दिया जाना है, इस दिशा में जिला स्तर पर विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है.
12 विभागों के विभिन्न योजनाओं की हुई समीक्षा: झारखंड मंत्रालय में दिनभर चली इस मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 12 विभागों के महत्वपूर्ण योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अगले 3 महीने के दौरान सोलर पार्क योजना सभी जिलों में शुरू करने की तैयारी करने का निर्देश दिया. वहीं, अधिकारियों को सरकार की नीतियों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने की आवश्यकता बताई. मुख्यमंत्री ने बिरसा हरित ग्राम योजना में 1 लाख एकड़ प्रतिवर्ष का जो सरकार के द्वारा लक्ष्य रखा गया था उसे पूरा करने में हुई कमी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस वर्ष किसी भी कीमत पर इस लक्ष्य को 50,000 पर ले जाएं. कृषि विभाग के पास नर्सरी बनाने का पैसा भी रहता है इसे सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं.
वहीं, प्रत्येक राशन कार्डधारी परिवार के लिए दो-दो फलदार पौधा लगाने की व्यवस्था करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन डीलर के माध्यम से पूरे राज्य में इसे एक ही तारीख में लगवाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खेल के मैदान पंचायत स्तर पर बनाने के लक्ष्य को पूरा करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि 81% अचीवमेंट को आने वाले समय में पूरी तरह से 100 फीसदी पर लाया जाए, इसका प्रयास होना चाहिए. प्रत्येक पंचायत में एक एक नए खेल का मैदान स्वीकृत करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली बार की रिव्यू मीटिंग में हम प्रति पंचायत दो खेल के मैदान पूरा देखना चाहते हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कुआं का खेल झारखंड में बहुत पुराना है, स्थल निरीक्षण के बाद ही कुआं स्वीकृत होनी चाहिए. अगले 3 महीने में निरीक्षण के बाद एक लाख कुआं की स्वीकृति देकर इसे पूरा करने का प्रयास संबंधित जिलों के उपायुक्त करें. पंचायत भवन निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए कहा कि 10 वर्ष से राज्य में पंचायत भवन बन रहे हैं लेकिन बिजली, अप्रोच रोड, कंप्यूटर की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है, इसे सुनिश्चित किया जाए. साथ ही पंचायत भवन का रंग रोगन करके 7 दिन के अंदर विभाग इसे जिलों को भेजें. यदि कोई फंड की दिक्कत होती है तो उसे भी पूरा करने की कोशिश की जाए. डीएमएफटी में 10 से 15 मॉडल प्रोजेक्ट जिलों के द्वारा बनवा कर भेजा जाए, जिले में जितनी संख्या में योजना लेना है लिया जा सकता है इसके लिए जिला स्तर पर जो कमेटी बनी है उसे गंभीरता से काम करना होगा.
जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य के लिए यह योजना अभिशाप सिद्ध होगी, चापाकल में 30 से 40 फीट ही पाइप डाला जाता था वैसे ही उसमें भी अगर किया गया होता तो ऐसा नहीं हो रहा होता. उपायुक्त इस योजना पर विशेष ध्यान देंगे. किसान क्रेडिट कार्ड देने में राज्य ने अच्छी प्रगति की है. जून-जुलाई महीने में किसानों को क्रेडिट की आवश्यकता होती है, 15 दिनों का एक कार्यक्रम बनाकर कम से कम 5 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ने का प्रयास होना चाहिए. सावित्रीबाई फुले योजना में अभी भी बहुत बच्चियां छूट गई है जिसके लिए सभी सरकारी विद्यालय से इस संबंध में सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान 15 दिनों के अंदर सभी आंगनवाड़ी भवनों को अगले 3 वर्ष में बनाने की कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. समीक्षा बैठक के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे राज्य में विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा और आम लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक मिलेगा.