रांची: विजयदशमी के मौके पर पारंपरिक रूप से देर शाम तक रावण दहन का सिलसिला जारी रहा. ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अरगोड़ा मुंडा पूजा मैदान पहुंचे. रावण दहन पूजा समिति के द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जहां राज्यवासियों को दशहरा की शुभकामना दीं वहीं बुराई का प्रतीक रावण का दहन कर अच्छाई की जीत का संदेश दिया.
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इस मौके पर मुख्यमंत्री जैसे ही रावण दहन पूजा समिति द्वारा तैयार की गई रिवॉल्वर आकार के धनुष से रावण पर फायर करने की कोशिश की वह मिस फायर हो गया. दो बार प्रयास के बाद भी 60 फीट रावण पर फायर नहीं हुआ तो अंत में पारंपरिक रुप से बारुद भरी रस्सी को जलाकर रावण को जलाने में सफल हुए. धू-धू कर जल रहे इस रावण को देखकर यहां पहुंचे हजारों लोग रोमांचित थे.
रावण के साथ मेघनाद, कुंभकर्ण और लंका को जलाया गया. सांसद संजय सेठ कुंभकर्ण को जलाने में सफल हुए, वहीं हटिया विधायक नवीन जायसवाल के नेतृत्व में मेघनाद का दहन हुआ. लंका को जलाने में पूर्व मेयर आशा लकड़ा, अजय नाथ शाहदेव, विनोद पांडे, संजीव विजयवर्गीय, अरुण झा जैसे लोग सफल हुए.
पटाखे की आग से घायल हुए लोग: रावण दहन के दौरान बड़ी संख्या में अरगोड़ा मैदान में लोग पहुंचे हुए थे. इस दौरान आकर्षण का केंद्र बिंदु आतिशबाजी रही. जिसका जमकर लोगों ने लुत्फ उठाया. मगर इस दौरान पटाखे की लौ कई लोगों तक पहुंच गई, जिस वजह से वे घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल इलाज के लिए कार्यकर्ताओं के साथ भेजा गया. रावण दहन देखने के लिए पूरे परिवार के साथ पहुंचे लोगों ने इस दौरान जमकर आनंद उठाया और एक दूसरे को दशहरे की बधाई देते नजर आए.
बहरहाल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक इस रावण का दहन तो हो गया है मगर आवश्यकता इस बात की है कि हमारे अंदर छिपे अहंकार रूपी रावण को खत्म करे, जिससे सभ्य समाज की कल्पना साकार हो सके.