रांची: झारखंड के विधायकों को बहुत जल्द सुखद खबर सुनने को मिल सकती है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में अपने वक्तव्य के दौरान इस ओर इशारा किया है. दरअसल, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान व्यवस्था के तहत कई विधायकों ने स्पीकर से आग्रह किया कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए विधायकों की सैलरी और सुविधा भत्ते में इजाफा किया जाना चाहिए.
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भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने इस मसले को सबसे पहले उठाया. झामुमो विधायक समीर मोहंती और कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने भी समर्थन दिया. इस दौरान विधायकों ने आग्रह किया कि मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाना चाहिए. विधायकों ने कहा कि दिल्ली की तर्ज पर विधायकों को सैलरी और सुविधा दी जानी चाहिए.
विधायकों की मांग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वह इस मसले पर स्पीकर से चर्चा करेंगे. एक वाजिब और न्याय संगत निर्णय लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीयों को जरूर चिंता करनी चाहिए लेकिन यह सोच पहले से रहती तो ऐसी स्थिति नहीं सामने आती. उन्होंने कहा कि वेतन बढ़ने के बाद भी आप कुछ नहीं कर पाएंगे. पूर्ववर्ती सरकार ने एक नियम बनाया था विधायकों के स्वास्थ्य सेवा को लेकर. उस नियम के तहत किसी भी विधायक के इलाज का खर्च AIIMS की तर्ज पर रीइंबर्समेंट के आधार पर तय किया गया है. लेकिन जब इसी राज्य के पदाधिकारी अगर किसी निजी अस्पताल में इलाज कराते हैं तो उनको पूरा खर्च मिलता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे दिवंगत पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह के इलाज का मेडिकल बिल का खर्च आज भी उनके पेंशन से कट रहा है. उन्होंने कहा कि सिंदरी के विधायक भी एक निजी अस्पताल में दूसरे राज्य में लंबे समय से इलाज करा रहे हैं. उनकी स्थिति भी बहुत खराब है. लिहाजा माननीयों की चिंता को देखते हुए इस पर न्याय संगत फैसला लिया जाएगा. सीएम के इस आश्वासन पर सदन के सभी विधायकों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया.