रांचीः इंदिरा आवास योजना के तहत शौचालय निर्माण में अनियमितता के आरोप में फंसे लातेहार जिले के तत्कालीन बालूमाथ प्रखंड विकास पदाधिकारी अर्जुन राम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लंबे समय से अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित संचिका पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति देते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
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यह मामला जुलाई 2016 का है. जिसमें तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी बालूमाथ अर्जुन राम पर बालूमाथ थाना में (कांड संख्या 99/ 2016) कांड दर्ज किया गया था. अर्जुन राम के विरुद्ध भारतीय दंड विधान 1880 की धारा 406/ 409/ 419/ 420/ 34 के तहत मुख्यमंत्री ने अभियोजन स्वीकृति आदेश दिया है. जाहिर तौर पर अभियोजन स्वीकृति मिलने के पश्चात इस मामले की जांच में तेजी आएगी.
वित्तीय अनियमितता का है मामलाः भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अर्जुन राम पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है. इंदिरा आवास योजना के तहत शौचालय सामग्री धुआं रहित चूल्हा और योजना बोर्ड की आपूर्ति के आदेश में गलत ढंग से बिना किसी टेंडर के एक ट्रेडर्स रांची को आपूर्ति का अधिकार दिया गया था. जिस पर सरकारी कोष से 41,69,880 रुपए का भुगतान भी किया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद इसकी जांच जिला स्तर पर कराई गई. जिसमें सरकारी प्रावधान का घोर उल्लंघन पाते हुए अर्जुन राम के विरुद्ध सरकारी पद का दुरुपयोग, आपराधिक षड्यंत्र और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर सुनियोजित ढंग से साजिश के तहत सरकारी राशि गबन करने का आरोप लगाया गया.
भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को तत्कालीन बालूमाथ प्रखंड विकास पदाधिकारी अर्जुन राम के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति देकर एक बड़ा मैसेज देने का काम किया है. इससे पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे कई सरकारी पदाधिकारी के विरुद्ध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अभियोजन स्वीकृति दे चुके हैं.