रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 सितंबर 2022 को मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृत कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में शामिल प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति दे दी(cm hemant soren approved new reservation provision) है. संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद यह प्रभावी होगा.
बता दें कि कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में शामिल प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति दे मुख्यमंत्री ने दे दी है. संशोधन के तहत 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) एवं 4(2) के प्रावधान विलोपित कर दिया गया है. गौरतलब है कि झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण से जुड़े 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) एवं 4(2) के प्रावधानों को हटा दिया गया है. जिसके तहत सेवाओं और पदों की सभी नियुक्तियां, जो सीधी भर्ती के द्वारा भरी जानी हो, इस रूप से मानी जाएगी.
मेरिट कोटे से 23 प्रतिशत और आरक्षित कोटे से 77 प्रतिशत नियुक्तियां होंगी. आरक्षित कोटि की 77 प्रतिशत में से आरक्षित उम्मीदवारों को विभिन्न कोटियों की रिक्तियां निम्न तरीके से भरी जाएगी. इसमें अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 28 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची 1) को 15 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित 2) को 12 प्रतिशत आरक्षण होगा. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित होगी.
संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित होने के उपरांत प्रभावी होगाः यह अधिनियम झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम- 2022 के नाम से जाना जाएगा. इसका विस्तार संपूर्ण झारखंड राज्य में होगा. यह अधिनियम भारत राज्य के संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित होने के उपरांत प्रभावी होगा.