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गैंगेस्टर अमन साव को भगाने के मामले में थानेदार के खिलाफ चार्जशीट, CID ने दायर की चार्जशीट

रांची में गैंगेस्टर अमन साव को गिरफ्तारी के बाद भगाने के मामले में दारोगा मुकेश कुमार पर सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की है. अमन साव के फरारी के वक्त बड़कागांव थाना का थानेदार रहे मुकेश कुमार के खिलाफ धारा 193, 201 और 120 बी के तहत चार्जशीट दायर हुई है. गैंगेस्टर अमन साव 27 सितंबर 2019 को थान के अतिथि कक्ष से फरार हुआ था.

charge sheet filed against si barkagaon in case of gangster Aman Saw in ranchi
थानेदार के खिलाफ चार्जशीट
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Published : Jan 7, 2021, 11:00 PM IST

रांची: गैंगेस्टर अमन साव को गिरफ्तारी के बाद भगाने के मामले में दारोगा मुकेश कुमार पर सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की है. गुरुवार को सीआईडी के डीएसपी तौकीर आलम ने हजारीबाग कोर्ट में चार्जशीट दायर की.


गैंगस्टर के फरारी के समय थानेदार रहे थे मुकेश
अमन साव के फरारी के वक्त बड़कागांव थानेदार रहे मुकेश कुमार के खिलाफ धारा 193, 201 और 120 बी के तहत चार्जशीट दायर हुई है. सीआईडी की जांच में मुकेश को दोषी पाया गया था. सीआईडी ने इस मामले में चार्जशीट के लिए हजारीबाग डीआईजी अमोल वी होमकर से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. सीआईडी जांच में पाया गया था कि बड़कागांव के तत्कालीन थानेदार मुकेश कुमार ने गिरफ्तार अमन साव को थाने की हाजत के बजाय अतिथि कक्ष में रखा था.



किन मामलों में तत्कालीन थानेदार को पाया गया दोषी
सीआईडी ने अब तक की जांच में मुकेश कुमार को सबूत नष्ट करने, गलत सबूत प्लांट करने और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है. मामले में सीआईडी अब बड़कागांव के तत्कालीन डीएसपी अनिल सिंह और हजारीबाग के तत्कालीन एसपी कन्हैया मयूर पटेल की भूमिका की जांच करेगी. मुकेश कुमार ने अपने बयान में एसपी और थानेदार के दबाव में गलत एफआईआर करने संबंधी बयान दर्ज कराया था. पूरे मामले में अब डीएसपी अनिल कुमार सिंह की भूमिका की भी जांच होगी. बयान में मुकेश कुमार ने बताया है कि डीएसपी और एसपी के कहने पर ही उसने गलत एफआईआर दर्ज की थी. मुकेश ने सीआईडी को पूछताछ में बताया था कि अमन की फरारी के बाद डीएसपी ही उसे हजारीबाग एसपी के आवास ले गए थे.



एफआईआर झूठ का पुलिंदा
गैंगेस्टर अमन साव 27 सितंबर 2019 को थान के अतिथि कक्ष से फरार हुआ था. इस मामले में दर्ज एफआईआर सीआईडी जांच में झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है. सीआईडी की पूछताछ में थाने के चौकीदार ने बताया था कि तात्कालिन थानेदार ने अमन साव को अपना छोटा भाई बताते हुए अतिथि कक्ष में ठहराया. चौकीदार भुवनेश्वर ने सीआईडी को बताया कि जब उसे पता चला की अमन साव को अतिथि कक्ष में रखा गया है, तब उसने उसे हाजत में बंद रखने की बात कही, तो थानेदार ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उसी रात बाद में अमन साव अतिथि कक्ष का वेंटिलेशन तोड़ भाग गया था. अमन साव के फरारी के बाद थानेदार मुकेश कुमार के ओर से जो एफआईआर दर्ज कराई गई थी, सीआईडी की जांच में वह झूठ का पुलिंदा साबित हुआ. ऐसे में थानेदार पर सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के मामले में चार्जशीट की गई.

इसे भी पढे़ं: रांची: सीएम के काफिले पर हमले के मुख्य साजिशकर्ता भैरव सिंह ने किया सरेंडर


विवादित रहे हैं मुकेश कुमार
2012 बैच के दारोगा मुकेश कुमार विवादित रहे हैं. जमीन विवाद में बड़कागांव थाने के पुलिसकर्मियों को भागलपुर ले जाकर थानेदार ने मारपीट की थी. इस मामले में जांच के बाद मुकेश को हजारीबाग डीआईजी ने बर्खास्त कर दिया था. हालांकि बाद में दोष के अनुपात में सजा अधिक होने का हवाला देते हुए डीजीपी एमवी राव ने मुकेश की सेवा बहाल कर दी थी. सेवा बहाली के बाद तीन साल के लिए बेसिक वेतन पर काम करने का आदेश जारी हुआ था.

रांची: गैंगेस्टर अमन साव को गिरफ्तारी के बाद भगाने के मामले में दारोगा मुकेश कुमार पर सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की है. गुरुवार को सीआईडी के डीएसपी तौकीर आलम ने हजारीबाग कोर्ट में चार्जशीट दायर की.


गैंगस्टर के फरारी के समय थानेदार रहे थे मुकेश
अमन साव के फरारी के वक्त बड़कागांव थानेदार रहे मुकेश कुमार के खिलाफ धारा 193, 201 और 120 बी के तहत चार्जशीट दायर हुई है. सीआईडी की जांच में मुकेश को दोषी पाया गया था. सीआईडी ने इस मामले में चार्जशीट के लिए हजारीबाग डीआईजी अमोल वी होमकर से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. सीआईडी जांच में पाया गया था कि बड़कागांव के तत्कालीन थानेदार मुकेश कुमार ने गिरफ्तार अमन साव को थाने की हाजत के बजाय अतिथि कक्ष में रखा था.



किन मामलों में तत्कालीन थानेदार को पाया गया दोषी
सीआईडी ने अब तक की जांच में मुकेश कुमार को सबूत नष्ट करने, गलत सबूत प्लांट करने और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है. मामले में सीआईडी अब बड़कागांव के तत्कालीन डीएसपी अनिल सिंह और हजारीबाग के तत्कालीन एसपी कन्हैया मयूर पटेल की भूमिका की जांच करेगी. मुकेश कुमार ने अपने बयान में एसपी और थानेदार के दबाव में गलत एफआईआर करने संबंधी बयान दर्ज कराया था. पूरे मामले में अब डीएसपी अनिल कुमार सिंह की भूमिका की भी जांच होगी. बयान में मुकेश कुमार ने बताया है कि डीएसपी और एसपी के कहने पर ही उसने गलत एफआईआर दर्ज की थी. मुकेश ने सीआईडी को पूछताछ में बताया था कि अमन की फरारी के बाद डीएसपी ही उसे हजारीबाग एसपी के आवास ले गए थे.



एफआईआर झूठ का पुलिंदा
गैंगेस्टर अमन साव 27 सितंबर 2019 को थान के अतिथि कक्ष से फरार हुआ था. इस मामले में दर्ज एफआईआर सीआईडी जांच में झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है. सीआईडी की पूछताछ में थाने के चौकीदार ने बताया था कि तात्कालिन थानेदार ने अमन साव को अपना छोटा भाई बताते हुए अतिथि कक्ष में ठहराया. चौकीदार भुवनेश्वर ने सीआईडी को बताया कि जब उसे पता चला की अमन साव को अतिथि कक्ष में रखा गया है, तब उसने उसे हाजत में बंद रखने की बात कही, तो थानेदार ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उसी रात बाद में अमन साव अतिथि कक्ष का वेंटिलेशन तोड़ भाग गया था. अमन साव के फरारी के बाद थानेदार मुकेश कुमार के ओर से जो एफआईआर दर्ज कराई गई थी, सीआईडी की जांच में वह झूठ का पुलिंदा साबित हुआ. ऐसे में थानेदार पर सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के मामले में चार्जशीट की गई.

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विवादित रहे हैं मुकेश कुमार
2012 बैच के दारोगा मुकेश कुमार विवादित रहे हैं. जमीन विवाद में बड़कागांव थाने के पुलिसकर्मियों को भागलपुर ले जाकर थानेदार ने मारपीट की थी. इस मामले में जांच के बाद मुकेश को हजारीबाग डीआईजी ने बर्खास्त कर दिया था. हालांकि बाद में दोष के अनुपात में सजा अधिक होने का हवाला देते हुए डीजीपी एमवी राव ने मुकेश की सेवा बहाल कर दी थी. सेवा बहाली के बाद तीन साल के लिए बेसिक वेतन पर काम करने का आदेश जारी हुआ था.

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