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झारखंड के सरकारी स्कूलों के भवनों के बाद यूनिफॉर्म के रंग में भी बदलाव, बीजेपी ने उठाए सवाल

झारखंड के सरकारी स्कूलों के भवनों के साथ-साथ अब छात्रों के पोशाक का रंग भी हरा होगा. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को इस बाबत प्रस्ताव भेजा है.

change in color of school children dress in Jharkhand
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Published : Jun 20, 2022, 6:21 PM IST

रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को राज्य के सरकारी स्कूलों में पोशाक के रंग बदलने को लेकर एक प्रस्ताव भेजा है. जानकारी मिल रही है कि इस प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री की मंजूरी मिल गई है. झारखंड में तीसरी बार सरकारी स्कूलों के बच्चों के पोशाक के रंग में बदलाव किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- सरकारी स्कूल भवनों को नेचुरल लुक देने की तैयारी, हरा रंग पर भाजपा ने उठाए सवाल, कांग्रेस बोली- तिरंगे में भी है हरा रंग


राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पोशाक के रंग में तीसरी बार बदलाव होने जा रहा है. सबसे पहले बच्चों के पोशाक का रंग नीला था. फिर वर्ष 2015-16 में इसमें बदलाव किया गया. वर्ष 2015-16 में पेंट का रंग मैरून और शर्ट का क्रीम कलर किया गया था. अब तक कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को पोशाक मिलते थे लेकिन अब नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को भी पोशाक दी जाएगी. इस वर्ष से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को भी पोशाक दी जाएगी. अब कक्षा 1 से 5 और 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों की पोशाक के रंग और डिजाइन अलग-अलग होंगे.

स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के प्रस्ताव के तहत कहा गया है कि नए शैक्षणिक सत्र से बच्चों को बदले हुए रंग के अनुरूप पोशाक दी जाएगी. कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को नेवी ब्लू रंग का पेंट और गुलाबी रंग का शर्ट दिया जाएगा. वही कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के पेंट हरे और शर्ट सफेद और हरे रंग के होंगे. झारखंड के सरकारी स्कूलों के रंग में भी बदलाव किया गया है. स्कूल भवन का रंग भी अब हरे रंग का ही होगा. इस मामले को अभिभावक संघ ने राजनीतिक बताया है. प्राथमिक शिक्षक और माध्यमिक स्कूल संघ के पदाधिकारियों ने भी रंग के बजाय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की अपील राज्य सरकार से की है. साथ ही स्कूलों में गुणवत्ता के साथ पढ़ाई हो इस दिशा में योजना बनाने पर जोर देने की बात कही है.



एक बार फिर झारखंड में 35 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के बच्चों के पोशाक का रंग बदलने से झारखंड में सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकारी स्कूलों के भवन और पोशाक के रंग बदलने को राजनीति से प्रेरित बताया है. तो वहीं शिक्षा मंत्री की दलील है कि हरे रंग हरियाली का प्रतीक है. चिकित्सीय दृष्टि से भी आंखों के लिए यह रंग सुकून दायक माना गया है. पोशाक में सफेद और हरा रंग भी होगा जो सही रहेगा.

रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को राज्य के सरकारी स्कूलों में पोशाक के रंग बदलने को लेकर एक प्रस्ताव भेजा है. जानकारी मिल रही है कि इस प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री की मंजूरी मिल गई है. झारखंड में तीसरी बार सरकारी स्कूलों के बच्चों के पोशाक के रंग में बदलाव किया जा रहा है.

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राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पोशाक के रंग में तीसरी बार बदलाव होने जा रहा है. सबसे पहले बच्चों के पोशाक का रंग नीला था. फिर वर्ष 2015-16 में इसमें बदलाव किया गया. वर्ष 2015-16 में पेंट का रंग मैरून और शर्ट का क्रीम कलर किया गया था. अब तक कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को पोशाक मिलते थे लेकिन अब नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को भी पोशाक दी जाएगी. इस वर्ष से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को भी पोशाक दी जाएगी. अब कक्षा 1 से 5 और 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों की पोशाक के रंग और डिजाइन अलग-अलग होंगे.

स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के प्रस्ताव के तहत कहा गया है कि नए शैक्षणिक सत्र से बच्चों को बदले हुए रंग के अनुरूप पोशाक दी जाएगी. कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को नेवी ब्लू रंग का पेंट और गुलाबी रंग का शर्ट दिया जाएगा. वही कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के पेंट हरे और शर्ट सफेद और हरे रंग के होंगे. झारखंड के सरकारी स्कूलों के रंग में भी बदलाव किया गया है. स्कूल भवन का रंग भी अब हरे रंग का ही होगा. इस मामले को अभिभावक संघ ने राजनीतिक बताया है. प्राथमिक शिक्षक और माध्यमिक स्कूल संघ के पदाधिकारियों ने भी रंग के बजाय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की अपील राज्य सरकार से की है. साथ ही स्कूलों में गुणवत्ता के साथ पढ़ाई हो इस दिशा में योजना बनाने पर जोर देने की बात कही है.



एक बार फिर झारखंड में 35 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के बच्चों के पोशाक का रंग बदलने से झारखंड में सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकारी स्कूलों के भवन और पोशाक के रंग बदलने को राजनीति से प्रेरित बताया है. तो वहीं शिक्षा मंत्री की दलील है कि हरे रंग हरियाली का प्रतीक है. चिकित्सीय दृष्टि से भी आंखों के लिए यह रंग सुकून दायक माना गया है. पोशाक में सफेद और हरा रंग भी होगा जो सही रहेगा.

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