रांचीः अवैध निर्माण को रेगुलराइज (Regularize illegal construction) करने की योजना का प्रारूप तैयार किया गया है. इस योजना का स्वागत करते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यसभा सांसद महुआ माजी के प्रति आभार जताया है. चैंबर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि लंबे समय से अवैध निर्माण को लेकर लोगों में भय की स्थिति थी, जो इस फैसले के बाद समाप्त हो गई है. निर्धारित शुल्क पर लोग अवैध भवन को रेगुलराइज करा सकेंगे.
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चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार जनहित की समस्या के समाधान के लिए तत्पर है. इससे लाखों लोग लाभान्वित होंगे. सरकार 31 दिसंबर 2019 के पहले बने बिना नक्शा वाले अवैध भवनों को नियमित करने की योजना बनाई है, जो राहत भरा फैसला है. इसके तहत निर्धारित शुल्क जमा करते हुए अनाधिकृत निर्माण को नियमित किया जा सकेगा.
निर्मित भवन का दोनों तरफ का फोटो के साथ आवेदन देना होगा. निर्मित भवन का भवन प्लान के अनुसार चार कॉपी में सहायक प्लान के साथ प्रत्येक फ्लोर प्लान कम से कम दो साइड का एलिवेशन, ड्रेनेज और सीवरेज डिस्पोजल प्लान आदि विधिवत मकान मालिक तथा तकनीकी व्यक्ति जैसे वास्तुविद या नगर निवेशक या अभियंता या ड्राफ्टमैन द्वारा हस्ताक्षरित हो. इसके साथ ही भूमि का स्वामित्व संबंधी दस्तावेज और अद्यतन लगान रसीद देनी होगी.
वहीं, वन भूमि मामले में अनापत्ति प्रमाण पत्र देना होगा. बिजली बिल या जलापूर्ति बिल की कॉपी या होल्डिंग नंबर आवेदन के साथ देना होगा. भवनों के लिए नियमितीकरण शुल्क आवासीय के लिए नगर पंचायत में 50 पर स्क्वायर मीटर और नगर निगम क्षेत्र के लिए 75 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर निर्धारित की गई है. इसी तरह गैर आवासीय क्षेत्र में नगर पंचायत में 75 रु प्रति स्क्वायर मीटर और नगर निगम क्षेत्र में 100 रु प्रति स्क्वायर मीटर निर्धारित की गई है.