रांची: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर पीसीसीएफ पीके वर्मा की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनी. इसके बाद अदालत ने कहा कि याचिका बिना मेरिट की है और इसे खारिज कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश से वर्मा को बड़ी राहत मिली है.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य रमन ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा पीसीसीएफ पीके वर्मा को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. जो नियम के विरुद्ध है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार पीसीसीएफ वर्मा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की अर्हता नहीं रखते, इसलिए यह नियुक्ति, नियम के विरुद्ध की गई है. इसलिए इस नियुक्ति को रद्द कर दी जाए.
महाधिवक्ता की दलील
वहीं याचिकाकर्ता की दलील का विरोध करते हुए सरकार के महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि याचिका सुनवाई योग्य ही नहीं है . इसलिए इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. महाधिवक्ता ने बताया कि झारखंड में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए नियमावली बनी है. उस नियमावली के अनुरूप नियुक्ति की जा रही है. पीके वर्मा को अध्यक्ष का प्रभार दिया गया है. उनकी नियुक्ति नहीं की गई है. यह कुछ दिनों के लिए है. इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इसे खारिज कर दिया जाए.
यह है मामला
बता दें कि याचिकाकर्ता प्रतीक शर्मा ने पीसीसीएफ पीके वर्मा को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका के माध्यम से बताया था कि पीके वर्मा इसी पद की योग्यता नहीं रखते हैं. इसलिए इस पर इनकी नियुक्ति करना गलत है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.