रांची: राजधानी में इस साल चैती दुर्गा पूजा कोरोना महावारी की भेंट चढ़ गया. भुतहा तालाब के पास हर साल बड़ी धूमधाम से चैती दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. रांची में केवल भुतहा तालाब के पास ही बरसों से चैती दुर्गा पूजा का आयोजन होता है. इस साल भी लॉकडाउन के सभी निर्देशों का पालन के साथ मां अंबे की पूजा अर्चना की जा रही है.
भुतहा तालाब के पास मां दुर्गे की आराधना तो हो रही है, लेकिन विश्वव्यापी महामारी कोरोना के फैलाव से बचने को लेकर पूजा समिति तमाम सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए परंपरा को निभा रही है . यहां हर साल के तरह इस बार धूमधाम तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं किया जा रहा है. मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंरस का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. मंदिर में लोगों का जमावड़ा नहीं है. पूजा समिति ने घर-घर जाकर प्रसाद का वितरण किया कर रही है.
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समिति के लोगों का कहना है कि मां अंबे से आराधना कर विश्व को कोरोना वायरस से मुक्त करने की मन्नत मांगी जा रही है. इस भयावह वायरस से बचाव के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाना जरूरी है और परंपरा को निभाना भी उतने ही आवश्यक है. लॉकडाउन के तमाम निर्देशों का पालन करते हुए मां दुर्गे की पूजा अर्चना की जा रही है.
इस मंदिर में1926 से ही मां दुर्गे की आराधना हो रही है. चैत महीने के दौरान हर साल हजारों की तादाद में यहां लोग जुटते हैं और मां अंबे की आराधना करते हैं, लेकिन इतने वर्षों में यह पहली बार हुआ जब इस तरीके से मां दुर्गे की आराधना की जा रही है.