रांची: लोकआस्था का महापर्व चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन रविवार को छठ व्रतियों ने खरना का अनुष्ठान किया. व्रतियों ने नेम-निष्ठा के साथ पूजा कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. वहीं खरना पूजन के साथ ही छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है. रांची सहित पूरे झारखंड में छठ महापर्व को लेकर लोगों में उल्लास है.
गुड़ और दूध की खीर प्रसाद स्वरूप किया ग्रहणः पारंपरिक छठ गीतों के साथ गुड़ और अरवा चावल से परंपरागत चूल्हे पर खीर बनायी गई. वहीं शुद्ध देसी घी लगी रोटी और केले का प्रसाद पहले भगवान को अर्पित की गई. इसके बाद छठव्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया. ऐसी प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन नमक और अन्य अनाजों को छुआ तक नहीं जाता है. इस महापर्व में नियम का खास ध्यान रखा जाता है.
कल शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्यः चार दिवसीय महापर्व चैती छठ की शुरुआत शनिवार को नहाय-खाय से शुरू हुई थी. रविवार को खरना का अनुष्ठान पूरा किया गया. वहीं 27 मार्च की शाम को छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके बाद 28 मार्च की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन हो जाएगा.
रांची मेंं चैती छठ को लेकर बाजार में सज गई दुकानेंः वहीं चैती छठ को लेकर रांची के हरमू फल बाजार, धुर्वा फल बाजार, नागा बाबा खटाल फल बाजार और डेली मार्केट सब्जी बाजार में आज से ही अर्घ्य के लिए सूप-दउरा के साथ-साथ फलों की खरीदारी शुरू हो गई है.