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Chaiti Chhath 2023: छठ व्रतियों के प्रति नगर निगम की दिखी उदासीनता, अब तक नहीं हुई जलाशयों की साफ-सफाई

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Published : Mar 26, 2023, 3:48 PM IST

नाहाय खाएं के साथ चैती छठ की शुरुआत हो चुकी है. व्रति रविवार शाम खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगे और इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. सोमवार शाम का पहला अर्घ्य दिया जाना है, लेकिन घाटों की सफाई अब तक नहीं हो पाई है. ऐसे में छठ व्रति चिंतित हैं.

Chaiti Chhath 2023
Chaiti Chhath 2023

रांची: लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाए खाए के साथ शुरू हो गई है. रविवार को छठ व्रती शाम में खरना पूजा करेंगे और प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, तो वहीं मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व चैती छठ की समाप्ति हो जायेगी.

ये भी पढ़ें: Chaiti Chhath Puja 2023 : नहाय खाय के साथ महापर्व की शुरुआत, पटना में 76 घाटों पर श्रद्धालु दे सकेंगे अर्घ्य
छठ पूजा में लोगों की गहरी आस्था है. इस पर्व में सफाई का भी विशेष महत्व होता है. लेकिन प्रशासन ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की है. अर्घ्य देने के लिए घाट पर उतरने वाले छठ व्रतियों के लिए अभी तक घाट की साफ-सफाई पूरी नहीं हो पाई है. ईटीवी भारत की टीम ने जब राजधानी के विभिन्न तालाबों का जायजा लिया तो देखा की कई तालाबों में अभी तक साफ सफाई का काम पूरा नहीं हुआ है.
राजधानी का तिरिल तालाब, धुर्वा तालाब, बड़ा तालाब सहित विभिन्न क्षेत्रों के तालाबों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. छठ व्रत करने वाले लोगों ने बताया कि जितने भी तालाब हैं अभी तक उन्हें साफ नहीं किया गया जिस वजह से छठ व्रतियों को घाट पर आने में काफी समस्या होगी. छठ की सफाई को लेकर जब डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रविवार सुबह से ही विभिन्न घाटों पर निगम के कर्मचारी काम में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि रामनवमी को लेकर भी निगम के कर्मचारी पर काम का दबाव है जिस वजह से कई छठ घाटों की साफ-सफाई नहीं हो पाई है, लेकिन छठ घाटों को साफ सफाई के लिए निगम गंभीर है. जब लोग जाएंगे तो उन्हें घाट साफ सुथरा मिलेगा और लोग चैत माह के छठ को भी धूमधाम से मना सकेंगे.

रांची: लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाए खाए के साथ शुरू हो गई है. रविवार को छठ व्रती शाम में खरना पूजा करेंगे और प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, तो वहीं मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व चैती छठ की समाप्ति हो जायेगी.

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छठ पूजा में लोगों की गहरी आस्था है. इस पर्व में सफाई का भी विशेष महत्व होता है. लेकिन प्रशासन ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की है. अर्घ्य देने के लिए घाट पर उतरने वाले छठ व्रतियों के लिए अभी तक घाट की साफ-सफाई पूरी नहीं हो पाई है. ईटीवी भारत की टीम ने जब राजधानी के विभिन्न तालाबों का जायजा लिया तो देखा की कई तालाबों में अभी तक साफ सफाई का काम पूरा नहीं हुआ है.
राजधानी का तिरिल तालाब, धुर्वा तालाब, बड़ा तालाब सहित विभिन्न क्षेत्रों के तालाबों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. छठ व्रत करने वाले लोगों ने बताया कि जितने भी तालाब हैं अभी तक उन्हें साफ नहीं किया गया जिस वजह से छठ व्रतियों को घाट पर आने में काफी समस्या होगी. छठ की सफाई को लेकर जब डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रविवार सुबह से ही विभिन्न घाटों पर निगम के कर्मचारी काम में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि रामनवमी को लेकर भी निगम के कर्मचारी पर काम का दबाव है जिस वजह से कई छठ घाटों की साफ-सफाई नहीं हो पाई है, लेकिन छठ घाटों को साफ सफाई के लिए निगम गंभीर है. जब लोग जाएंगे तो उन्हें घाट साफ सुथरा मिलेगा और लोग चैत माह के छठ को भी धूमधाम से मना सकेंगे.

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