रांची: झारखंड विधानसभा द्वारा गठित विभिन्न समितियों की बैठक में राज्य सरकार के पदाधिकारियों की अनुपस्थिति पर स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने नाराजगी जताई है. बुधवार को नवगठित समिति के सभापतियों के साथ हुई बैठक के दौरान यह मुद्दा छाया रहा. बैठक में शामिल सरयू राय ने इसे बेहद ही गंभीर बताते हुए कहा कि कई बार बैठक में ऐसा देखा जाता है की विभागीय सचिव शामिल नहीं होते हैं. वहीं विधानसभा सदस्य विनोद सिंह ने कहा कि समितियों की बैठक होती है लेकिन कई बार जो नियमावली बनती है वो सत्र के दौरान सदन में नहीं रखी जाती है.
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विधानसभा समिति की बैठक में पदाधिकारी अवश्य होंगे उपस्थित: विधानसभा में करीब एक घंटे तक चली बैठक में नवगठित समितियों के सभापतियों ने स्पीकर के समक्ष कई सुझाव रखे. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि जो भी समस्या बताई गयी है उसका निवारण अवश्य होगा. समिति के सभी सभापति और सदस्य अनुभवी है. कुछ तो इतने अनुभवी हैं कि एकीकृत बिहार से आज तक समितियों के सभापति के पद पर आसीन होते रहे हैं. उन्हें अनुभव है कि समिति की क्या शक्ति होती है. बैठक में सभी के सुझाव आए हैं. कुछ अधिकारियों के संदर्भ में भी उपस्थित ना होने का या वैसे अधिकारियों को भेजने की सूचना आती है जो जानकार नहीं होते हैं.
उन्होंने कहा कि विधानसभा समिति की बैठक को मिनी कैबिनेट कहा जाता है, जो कैबिनेट बैठक की तरह ही होती है. पदाधिकारियों के द्वारा समिति की बैठक को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. बैठक में विधायक दीपक बिरुआ, भूषण तिर्की, रामचंद्र चंद्रवंशी, सरफराज अहमद, विनोद कुमार सिंह, इरफान अंसारी, सीता मुर्मू, ग्लेन जोसेफ गोलेस्टन, सीपी सिंह, उमाशंकर अकेला, आलोक चौरसिया, सविता महतो और सरयू राय मौजूद थे.