रांची: झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग के नए मनोनीत अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और उपाध्यक्ष राजू गिरि ने बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया. हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय भवन के सभागार में पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आयोग के रजिस्ट्रार डॉ अपर्णा, राज्यभर के गौशालाओं से आये प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की. जिसमें कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल थे.
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राज्य बनने के बाद दूसरी बार गौ सेवा आयोग को मिला अध्यक्ष और उपाध्यक्षः गौ सेवा आयोग के रजिस्ट्रार डॉ अपर्णा ने कहा कि बहुत प्रतीक्षा के बाद अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और उपाध्यक्ष राजू गिरि मनोनीत हुए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य गठन के बाद सात जनवरी 2006 को झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग का गठन किया गया था. पशु कल्याण के उद्देश्य के साथ गौ सेवा आयोग का गठन हुआ था. 2008 में पांच फरवरी को इसकी नियमावली बनी. आयोग के रजिस्ट्रार ने बताया कि झारखंड में कुल 23 निबंधित गौशाला हैं. इस वर्ष 12 गौशाला में पशु चारा और एक गौशाला को आधारभूत संरचना के लिए आर्थिक मदद दी गई है. आयोग के गठन के बाद 2006 में पुरुषोत्तम दास झुनझुनवाला इसके पहले अध्यक्ष थे, दूसरे अध्यक्ष के रूप में राजीव रंजन प्रसाद का मनोनयन हुआ है. इससे वित्तीय समस्या का त्वरित निष्पादन होगा.
गौ सेवा आयोग की मदद से गौ माता की सेवा करूंगाः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य और गौ सेवा आयोग के मनोनीत उपाध्यक्ष राजू गिरि ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें न सिर्फ सम्मान दिया है, बल्कि गौ सेवा आयोग के माध्यम से गौ माता की सेवा का मौका दिया है. राजू गिरि ने कहा कि हर जिले में घूमकर गौशाला की जमीनी हकीकत का जायजा लेंगे. गौ माता की सेवा का हमें मौका मिला है तो बेहतर काम कर के दिखाएंगे.
गौ सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं, गौ तस्करी पर कठोरता से रोक लगाएं अधिकारीः झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग के नव मनोनीत अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि धरती पर गौ सेवा से बड़ी सेवा कुछ नहीं है. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि अधिनियम में जो सुविधाएं हैं उसको लेकर सभी गौशाला संचालकों के साथ जल्द बैठक करेंगे. आज महागठबंधन सरकार में एक काम करने वाली टीम बनी है. गौ हत्या निषेध कानून का सख्ती से पालन कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज से मेरा एक-एक क्षण गौ माता की सेवा में लगेगा. आयोग की कमियों का जिक्र करते हुए जीरो से काम शुरू होगा, गौ सेवा आयोग के वर्तमान कार्यालय की स्थिति अभी ठीक नहीं है, उसे ठीक किया जाएगा.
गौ माता की बात करनेवाली डबल इंजन की सरकार में गौ सेवा आयोग खाली थाः झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पदभार ग्रहण समारोह में कहा कि गौ माता की सेवा से जुड़ा यह आयोग है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि जो लोग गाय माता की बात करते हैं, उनके राज में भी गौ सेवा आयोग का गठन नहीं हुआ था. गौ तस्करी के मामले में यह देखना होगा कि कोई परेशान न हो और कानून का कठोरता से पालन भी कराया जाए.
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पशु क्रूरता निवारण अधिनियम पर परिचर्चाः पदभार ग्रहण कार्यक्रम के बाद पशु क्रूरता निवारण अधिनियम पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई. जिसमें वक्ताओं ने कहा कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड की तर्ज पर 2011 में राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष विभागीय मंत्री, उपाध्यक्ष, विभागीय सचिव, सचिव पशुपालन निदेशक होते हैं.1960 में लागू अधिनियम को ही झारखंड में लागू किया गया है. क्षमता से अधिक पशुओं को वाहन में ढोना, दूध निकालने के लिए आइसोटोक्सिन का उपयोग, पीटना, ठोकर मारना यह अब क्रूरता अधिनियम के दायरे में आता है. वक्ताओं ने कहा कि पक्षियों को पिंजरे में बंद रखा जाना भी पशु क्रूरता है. दो घंटे ही कुत्ते को जंजीर में बांधना है, उसके बाद उसे खुला छोड़ देना है. बीमार पशुओं को बिना इलाज कराए रखना भी पशु के क्रूरता के अंतर्गत आता है. मुर्गों की लड़ाई भी कानून के दायरे में दंडनीय अपराध है.