रांची: जिले में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिला प्रशासन के ओर से कैसी व्यवस्था की गई है, इसकी जानकारी दिल्ली से आई केंद्रीय टीम को दी गई. पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से टीम को जिले के विभिन्न प्रखंडों और कोविड-19 अस्पतालों में की गई व्यवस्था की जानकारी दी गई. इस दौरान उपायुक्त छवि रंजन, उप विकास आयुक्त अनन्य मित्तल, अनुमंडल पदाधिकारी सदर समीरा एस, अनुमंडल पदाधिकारी बुंडू उत्कर्ष गुप्ता और संबंधित पदाधिकारी, डॉक्टर उपस्थित रहे.
विभिन्न कोषांगों का किया गया है गठन
केंद्रीय टीम को बताया गया कि जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विभिन्न कोषांगों का गठन किया गया है. सभी कोषांगों के कार्य और दायित्वों के बारे में उप विकास आयुक्त के ओर से विस्तार से जानकारी दी गई. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने बारी-बारी से सभी कोषांगों से दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य निर्वाहन के बारे में पूछा.
टीम की ओर से डेड बॉडी मैनेजमेंट सेल की नोडल प्रभारी अनुमंडल पदाधिकारी सदर समीरा एस से डेड बॉडी के अंतिम संस्कार के बारे में जानकारी ली, साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति लोगों के बीच किस तरह से जागरूकता फैलाई जा रही है, इसकी जानकारी भी केंद्रीय टीम को दी गई.
मास टेस्ट ड्राइव की दी जानकारी
केंद्रीय टीम को बताया गया कि रांची जिले में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए मास टेस्ट ड्राइव चलाए जा रहे हैं. पिछले दिनों किए गए मास टेस्ट ड्राइव में कितने लोगों की जांच की गई. इसके बारे में भी पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई, साथ ही बताया गया कि रांची के 8 स्थानों में स्टैटिक सैंपल कलेक्शन सेंटर लगाए गए हैं, जहां पर लोगों की निशुल्क कोविड-19 जांच की जा रही है. केंद्रीय टीम ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए विभिन्न अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले मेडिकल किट को भी देखा.
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केंद्रीय टीम ने की सराहना
कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों की सहूलियत के लिए जिला प्रशासन की ओर से शुरू किए गए विभिन्न हेल्पलाइन नंबर की जानकारी भी टीम को दी गई. केंद्रीय टीम ने जिला प्रशासन की पहल की सराहना की. खास तौर पर टीम ने डॉक एप की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका लाभ हर व्यक्ति पा सकता है. इसके अलावा टीम को बुजुर्गों के लिए शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर के बारे में भी जानकारी दी गई.