रांचीः झारखंड के 22 जिलों के 226 प्रखंड को राज्य सरकार ने सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया है. इन क्षेत्रों के किसानों को राज्य सरकार 3500 रुपए प्रति किसान सहायता राशि उपलब्ध करा रही हैं. वहीं भारत सरकार से 9250 करोड़ की सहायता राशि की मांग राज्य सरकार ने की है. वहीं राज्य में सुखाड़ का आकलन करने के लिए के केंद्र की उच्च स्तरीय टीम इन दिनों झारखंड में है.
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टीम ने रांची के सुखाड़ग्रस्त प्रखंड चान्हो का दौरा कियाः भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रुकमणि के नेतृत्व में पहुंची उच्च स्तरीय टीम ने बुधवार को रांची के सुखाड़ग्रस्त घोषित प्रखंड चान्हो का दौरा किया और सुखाड़ की वजह से उभरे हालात का जमीनी आकलन किया. चान्हो सुखाड़ग्रस्त इलाके का जायजा लेने के बाद केंद्रीय टीम ने सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से नेपाल हाउस में मुलाकात की. टीम का नेतृत्व कर रहीं भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रुकमणि ने बताया कि चान्हो के जिस इलाके में वह गईं थीं, वहां खेत में पानी की कमी की वजह से कोई फसल नहीं लगा था. सिर्फ कुछ एरिया में सरसों लगी थी. जिससे ऐसा लग रहा था कि वहां कुछ पानी रहा होगा.
केंद्रीय टीम पांच-छह सुखाड़ ग्रस्त जिले का दौरा करेगीः उन्होंने कहा कि उनकी टीम पांच-छह सुखाड़ ग्रस्त जिले का दौरा करेगी और यहां के हालात का विस्तृत ब्योरा केंद्र को सौंपेगी. जिस पर केंद्र सरकार राहत को लेकर फैसला करेगी.केंद्रीय टीम में भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रूक्मणी, डॉ मान सिंह, एससी मीना, करण चौधरी, डी राजशेखर, बीआर ठाकरे, यूके नायर, प्रमोद नारायण, महेश कुमार और बृज मोहन सिंह शामिल हैं.
भारत सरकार से झारखंड के अन्नदाता को हैं उम्मीदेंः राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि समय पर राज्य सरकार ने सुखाड़ का सही आकलन कर जमीनी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी है और सही समय पर केंद्र की टीम भी सुखाड़ से उपजे हालात का जायजा लेने आयी है. ऐसे में राज्य की सरकार और भारत सरकार से राज्य के 58 लाख अन्नदाताओं की उम्मीदें बंधी है कि सुखाड़ की विकट स्थिति में उन्हें राहत दी जाएगी.