रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उराव के बिहारी-मारवाड़ी विवादित बयान को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस का एक खेमा जाए इस मामले को लेकर सफाई देने में जुटी है तो दूसरा पक्ष खिंचाई कर रहा है. वहीं एक ओर रामेश्वर उरांव के समर्थन में आदिवासी समाज सड़क पर उतर गए हैं. केंद्रीय सरना समिति ढोल नगाड़े के साथ उनके समर्थन में जुलूस निकाला जुलूस रांची यूनिवर्सिटी से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक गया. इस दौरान केंद्रीय सरना समिति ने रामेश्वर उरांव के बयान का समर्थन किया.
इसे भी पढ़ें- आम बजट को वामदल ने बताया जनविरोधी, किसानों और मजदूरों को कोई राहत नहीं
मंत्री रामेश्वर उरांव ने क्या कहा था?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि रांची की जमीन दूसरों लोगों के हाथ में चली गई है और रांची में बिहारी और मारवाड़ी लोग भर गए हैं और आदिवासी कमजोर होते जा रहे हैं. जिसके कारण इसका शोषण किया जा रहा है. उन्होंने इनका उदाहरण देते हुए कहा था कि वहां की व्यवस्था आदिवासियों के हाथ में रहने की वजह से ये बचे हुए हैं, रांची के मामले में ठीक इसके उलट हो गया है. रांची में आदिवासियों का निवास था, शहर के अंदर बसे कई प्रमुख पहले बस्ती समेत कई इलाकों में उन्हीं की ओर से नाम दिया गया है लेकिन इलाकों में सिर्फ नाम है आदिवासियों का पलायन हो गया है.