रांची: केंद्र ने न्यू पेंशन स्कीम फंड में झारखंड सहित तीन राज्यों की जमा राशि (Money of pension scheme of Jharkhand) लौटाने से इनकार कर दिया है. झारखंड सरकार ने विगत सितंबर महीने में राज्यकर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था और इसकी सूचना पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को दी थी.
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पीएफआरडीए में एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) के तहत झारखंड सरकार ने अपने कर्मियों के अंशदान के तौर पर लगभग 18 हजार करोड़ रुपए जमा कराए थे. अब जबकि राज्य सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम लेकर आई है तो इसके लिए वह केंद्र के पास जमा पैसे वापस चाहती है. झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकारें भी केंद्र से पेंशन अंशदान की डिपॉजिट वापस मांग रही हैं, लेकिन पीएफआरडीए ने साफ कर दिया है कि एनपीएस के नियमों और शर्तों के अनुसार राशि की वापसी का प्रावधान नहीं है.
सोमवार को लोकसभा में एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र सरकार से सवाल पूछा था, इसके लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी करके उसकी सूचना केंद्र सरकार को दी है. इन तीनों प्रदेशों ने न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की राशि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी से वापस लौटाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन अथॉरिटी ने इन प्रदेशों को बता दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है.
सूत्रों के अनुसार पीएफआरडीए एक्ट- 2013 और पीएफआरडीए रेगुलेशन 2015 का हवाला देते हुए राज्य सरकारों को बताया गया है कि एनपीएस के तहत कर्मचारी और सरकार के अंशदान की जमा राशि को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है. पीएफआरडीए के पास झारखंड सरकार और कर्मचारियों के अंशदान के कुल 17930 करोड़ रुपए जमा हैं. राज्य में करीब 1 लाख 95 हजार स्थायी कर्मचारी-अधिकारी हैं। इनमें से 1 लाख 25 हजार कर्मियों के अंशदान की राशि नई पेंशन स्कीम के तहत जमा की गई थी. जानकारों का कहना है कि पीएफआरडीए के पास राज्य की जमा राशि वापस न मिलने पर आने वाले दिनों में कर्मियों के सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन के भुगतान में बड़ी समस्या आ सकती है.
--आईएएनएस