रांची: झारखंड में देवघर के बाद दूसरा एम्स राजधानी रांची में भी बनाने की भाजपा सांसद संजय सेठ की पहल पर पीएमओ ने संज्ञान लिया है. पीएमओ ने राज्य सरकार से इसके लिए मंतव्य के साथ-साथ भूमि चिन्हित कर इसकी पूरी जानकारी मांगी है.
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पीएमओ के पत्र के बाद उद्योग निदेशक ने लिखा स्वास्थ्य विभाग के एसीएस को पत्र
झारखंड में एक और एम्स की स्थापना को लेकर पीएमओ से आए पत्र के बाद राज्य के उद्योग निदेशक जितेंद्र सिंह ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सेवा अरुण कुमार सिंह से विभाग का मंतव्य और भूमि चिन्हित कर जानकारी मांगी है.
रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि तीन महीने पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झारखंड में एक और एम्स की जरूरत बताते हुए रांची में एम्स बनाने का आग्रह किया था. अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है कि वह जितना जल्दी हो सके रांची में एम्स के लिए भूमि चिन्हित करने के साथ-साथ अपना मंतव्य पीएमओ को भेजे.
रांची एम्स से 3 करोड़ लोगों को होगा लाभ
सांसद संजय सेठ ने कहा कि रांची में एम्स खुलने से इसका लाभ झारखंड की जनता के अलावा पड़ोसी राज्यों के निकटवर्ती जिले के लोगों को भी मिलेगा और यह राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.
रघुवर राज में देवघर में एम्स की मिली थी अनुमति
राज्य में भाजपा शासन में रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्व काल में देवघर में एम्स खोलने की अनुमति मिली थी तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और कई कैबिनेट मंत्री की इच्छा रांची में एम्स खोलने की थी. लेकिन मुख्यमंत्री रघुवर दास की इच्छा संथाल क्षेत्र के देवघर में एम्स बनाने की थी. तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ राज्य के कई प्रबुद्ध डॉक्टरों की राय थी कि एम्स जैसा बड़ा अस्पताल राजधानी में होना चाहिए ताकि देश के बड़े-बड़े डॉक्टर और फैकल्टी संस्थान में सेवा देने के लिए उपलब्ध हो सकें.
रांची में जमीन की कमीं नहीं, अब इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा सबकुछ
रांची के रिनपास कांके और इटकी में पर्याप्त जमीन स्वास्थ्य विभाग के पास है, जो शहर के करीब भी है. अब देखना होगा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग कितना जल्दी अपने मंतव्य से केंद्र को अवगत कराती है.