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झारखंड में केंद्र की ड्रोन सर्वे योजना पर लगी रोक, सीएम का सदन में जवाब, लोगों में थी नाराजगी

झारखंड सरकार ने खूंटी में ड्रोन से भू-सर्वेक्षण पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों की नाराजगी की वजह से इस योजना को होल्ड करने की जानकारी दी.

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केंद्र की ड्रोन सर्वे योजना पर लगी रोक
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Published : Mar 11, 2022, 1:55 PM IST

Updated : Mar 11, 2022, 2:10 PM IST

रांची: झारखंड सरकार ने खूंटी के ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में ड्रोन से भू-सर्वेक्षण पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में इस बाबत जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में खूंटी में भू सर्वेक्षण हो रहा था. यह भारत सरकार की योजना है. कई प्रखंडों में सर्वे संपन्न भी हो गया है . इस बीच कई जगह से लोगों की नाराजगी भी सामने आई है. इसे देखते हुए योजना को होल्ड कर दिया गया है. समीक्षा के बाद आगे की व्यवस्था तय होगी.

ये भी पढ़ें- 4 राज्यों में जीत से झारखंड बीजेपी में फीलगुड, कांग्रेस से मिलने लगे खटपट के संकेत

विधायक विनोद सिंह ने पूछा था सवाल

दरअसल सदन में माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान इस सवाल को उठाया था. उन्होंने सरकार से पूछा था कि क्या पेसा अनुसूचित क्षेत्र के बावजूद बिना ग्राम सभा की जानकारी के सर्वे किए जाने से ग्रामीणों में असंतोष और संशय व्याप्त है. जवाब में राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने कहा कि खूंटी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार की सेंट्रल स्कीम सर्वे आफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इंप्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेजेस एरिया यानी (SVAMITVA )योजना शुरू की गई है. यह योजना पूरे देश में प्रारंभ की गई है. इसके तहत पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना का शुभारंभ खूंटी जिला में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 1 नवंबर 2021 को किया गया. इसके तहत चूना मार्किंग करते हुए ड्रोन से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का भू-सर्वेक्षण कर उनके राजस्व कागजात की जांच अंचलों में उपलब्ध अभिलेख से कर रैयतों को अभिधारी खाता पुस्तिका उपलब्ध कराया जाना है.

देखें वीडियो

योजना का उद्देश्य

सरकार की तरफ से बताया गया है कि इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ देने के लिए अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है. सर्वेक्षण के बाद जीआईएस नक्शों का निर्माण होने से उसका उपयोग किसी भी विभाग द्वारा अपने उपयोग के लिए किया जा सकता है. सर्वे का काम पूरा होने से संपत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों को कम किया जा सकेगा. जीआईएस मानचित्रों का उपयोग करते हुए ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सहयोग मिलेगी.

रांची: झारखंड सरकार ने खूंटी के ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में ड्रोन से भू-सर्वेक्षण पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में इस बाबत जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में खूंटी में भू सर्वेक्षण हो रहा था. यह भारत सरकार की योजना है. कई प्रखंडों में सर्वे संपन्न भी हो गया है . इस बीच कई जगह से लोगों की नाराजगी भी सामने आई है. इसे देखते हुए योजना को होल्ड कर दिया गया है. समीक्षा के बाद आगे की व्यवस्था तय होगी.

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विधायक विनोद सिंह ने पूछा था सवाल

दरअसल सदन में माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान इस सवाल को उठाया था. उन्होंने सरकार से पूछा था कि क्या पेसा अनुसूचित क्षेत्र के बावजूद बिना ग्राम सभा की जानकारी के सर्वे किए जाने से ग्रामीणों में असंतोष और संशय व्याप्त है. जवाब में राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने कहा कि खूंटी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार की सेंट्रल स्कीम सर्वे आफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इंप्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेजेस एरिया यानी (SVAMITVA )योजना शुरू की गई है. यह योजना पूरे देश में प्रारंभ की गई है. इसके तहत पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना का शुभारंभ खूंटी जिला में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 1 नवंबर 2021 को किया गया. इसके तहत चूना मार्किंग करते हुए ड्रोन से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का भू-सर्वेक्षण कर उनके राजस्व कागजात की जांच अंचलों में उपलब्ध अभिलेख से कर रैयतों को अभिधारी खाता पुस्तिका उपलब्ध कराया जाना है.

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योजना का उद्देश्य

सरकार की तरफ से बताया गया है कि इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ देने के लिए अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है. सर्वेक्षण के बाद जीआईएस नक्शों का निर्माण होने से उसका उपयोग किसी भी विभाग द्वारा अपने उपयोग के लिए किया जा सकता है. सर्वे का काम पूरा होने से संपत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों को कम किया जा सकेगा. जीआईएस मानचित्रों का उपयोग करते हुए ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सहयोग मिलेगी.

Last Updated : Mar 11, 2022, 2:10 PM IST
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