रांची: चंद्रयान- 3 चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतर चुका है. इस सफलता में कहीं ना कहीं झारखंड का भी योगदान रहा है. जिसमें मेकॉन ने महती भूमिका निभाते हुए लॉन्चिंग पैड का डिजाइन तैयार किया था. इसरो के कार्य आदेश मिलने के बाद मेकॉन के 50 इंजीनियर्स की टीम ने चंद्रयान-3 के लॉन्च पैड की डिजाइन को काफी मशक्कत के बाद तैयार किया था.
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चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के उतरने के उस अदभुत क्षण को मेकॉन के सभाकक्ष से निहार रहे इंजीनियरों का इस मौके पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जैसे ही चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा. मेकॉन का सभाकक्ष वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा. इस अभियान में लगे इंजीनियर्स ने एक दूसरे को बधाई दी.
चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चांद पर उतरने की खुशी में मेकॉन परिसर को बिजली की बल्बों से सजाया गया है. पूरा परिसर ऐसा लग रहा है जैसे आज दीपावली हो. वाकई में मेकॉन के लिए आज का दिन दीपावली से कम नहीं है. इस टीम में शामिल मेकॉन के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर संजय कुमार सिन्हा खुशी व्यक्त करते हुए कहते हैं कि 2019 में जो कमी थी, उसे दूर कर आज जो सफलता मिली है, उसमें अहम योगदान मेकॉन का भी है. जिसके द्वारा तैयार लांचिंग पैड की डिजाइन से लेकर कमिश्निंग तक का काम किया गया.
इसरो के लिए लॉन्चिंग पैड मेकॉन ने तैयार किया: आज पूरी दुनिया में भारत की सराहना हो रही है. चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर मेकॉन भी गौरवान्वित हो रहा है. इसरो के लिए सबसे बड़े लॉन्चिंग पैड को मेकॉन ने तैयार किया था. इसके उपकरण रांची और टाटा में भी बने थे. मेकॉन ने इसके कॉन्सेप्ट से लेकर कमिश्निंग तक का काम किया था. 50 इंजीनियर्स की टीम रात दिन इस काम में जुटी रही. इस टीम में शामिल मेकॉन के वरिष्ठ महाप्रबंधक ए श्रीनिवास कहते हैं कि कॉन्सेप्ट से लेकर कमिश्निंग तक का काम मेकॉन ने किया है. हमारी हर डिजाइन पर तरह तरह के सवाल उठते थे, जिसमें देश के जाने माने वैज्ञानिक शामिल होते थे.