रांचीः झारखंड राज्य के लिए आंदोलन करने वाले लोकप्रिय नेता लाल रणविजय नाता देव की पुण्यतिथि सांस्कृतिक दिवस के रूप में मनाया गया. इस मौके पर झारखंड के कई आंदोलनकारी और कलाकार मौजूद रहे. पद्मश्री हंसमुख मधु मंसूरी और पद्मश्री मुकुंद नायक ने लाल रणविजय नाथ शाहदेव की तस्वीर श्रद्धा सुमन अर्पित और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उनके आदर्शों और आंदोलन के दिनों को याद किया.
इसे भी पढ़ें- लालू यादव की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज, रिम्स से पूछा क्यों नहीं दे रहे जवाब
उनके बेटे डॉ. अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का गठन जिस उद्देश्य के साथ किया गया. ऐसा लगता है कि आज भी वह पूरा नहीं हुआ है. जिस लड़ाई को लेकर आंदोलनकारियों ने अलग राज्य का गठन किया. आज आंदोलनकारी खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं, झारखंड में झारखंड आंदोलनकारियों का राज्य माना जाता है और सरकार भी उनकी है. झारखंड आंदोलनकारियों के लिए जो भी नीति बनाई गई है उसका लाभ झारखंड आंदोलनकारियों को नहीं मिल पा रहा है. लाल रणविजय सहदेव की पुण्यतिथि के मौके पर सरकार से एक बार फिर से गुहार लगाने का कोशिश किया जा रहा है कि जो भी आंदोलनकारी हैं उन्हें चिन्हित कर उन्हें उचित सम्मान देने का सरकार काम करें.