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राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि, पद्मश्री मधु मंसुरी-मुकुंद नायक ने कहा- आंदोलनकारियों को सम्मान की जरूरत

रांची में झारखंड राज्य आंदोलनकारी की पुण्यतिथि मनाई गई. आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए पद्मश्री मधु मंसूरी और मुकुंद नायक ने कहा कि आंदोलनकारियों को सम्मान की जरूरत है.

Celebrated death anniversary of Jharkhand state agitator in ranchi
पुण्यतिथि
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Published : Feb 5, 2021, 4:23 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 9:11 AM IST

रांचीः झारखंड राज्य के लिए आंदोलन करने वाले लोकप्रिय नेता लाल रणविजय नाता देव की पुण्यतिथि सांस्कृतिक दिवस के रूप में मनाया गया. इस मौके पर झारखंड के कई आंदोलनकारी और कलाकार मौजूद रहे. पद्मश्री हंसमुख मधु मंसूरी और पद्मश्री मुकुंद नायक ने लाल रणविजय नाथ शाहदेव की तस्वीर श्रद्धा सुमन अर्पित और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उनके आदर्शों और आंदोलन के दिनों को याद किया.

देखें पूरी खबर
झारखंड आंदोलनकारी लाल रणविजय नाथ महादेव के पुण्यतिथि पर पर पद्मश्री हंसमुख मधु मंसूरी ने कहा कि ये झारखंड आंदोलनकारी के साथ-साथ व्यक्तित्व के धनी थे. उन्हें अपने जीवन में सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं किया. गुमला के पालकोट में नागवंशी परिवार में जन्मे वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. चार दशक तक वकालत करने के बाद कविता कहानी और झारखंड आंदोलन को लेकर नारा भी लिखा करते थे. झारखंड बनने का उद्देश्य यह था कि यहां के लोगों को एक पहचान मिल सके लेकिन वह पहचान की लड़ाई आज भी लड़ रहे हैं. लाल रणविजय नाथ शाहदेव की जीवनी को लोगों को जानना चाहिए. इसको लेकर सरकार उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में लागू करने की मांग की.

इसे भी पढ़ें- लालू यादव की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज, रिम्स से पूछा क्यों नहीं दे रहे जवाब


उनके बेटे डॉ. अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का गठन जिस उद्देश्य के साथ किया गया. ऐसा लगता है कि आज भी वह पूरा नहीं हुआ है. जिस लड़ाई को लेकर आंदोलनकारियों ने अलग राज्य का गठन किया. आज आंदोलनकारी खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं, झारखंड में झारखंड आंदोलनकारियों का राज्य माना जाता है और सरकार भी उनकी है. झारखंड आंदोलनकारियों के लिए जो भी नीति बनाई गई है उसका लाभ झारखंड आंदोलनकारियों को नहीं मिल पा रहा है. लाल रणविजय सहदेव की पुण्यतिथि के मौके पर सरकार से एक बार फिर से गुहार लगाने का कोशिश किया जा रहा है कि जो भी आंदोलनकारी हैं उन्हें चिन्हित कर उन्हें उचित सम्मान देने का सरकार काम करें.

रांचीः झारखंड राज्य के लिए आंदोलन करने वाले लोकप्रिय नेता लाल रणविजय नाता देव की पुण्यतिथि सांस्कृतिक दिवस के रूप में मनाया गया. इस मौके पर झारखंड के कई आंदोलनकारी और कलाकार मौजूद रहे. पद्मश्री हंसमुख मधु मंसूरी और पद्मश्री मुकुंद नायक ने लाल रणविजय नाथ शाहदेव की तस्वीर श्रद्धा सुमन अर्पित और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उनके आदर्शों और आंदोलन के दिनों को याद किया.

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झारखंड आंदोलनकारी लाल रणविजय नाथ महादेव के पुण्यतिथि पर पर पद्मश्री हंसमुख मधु मंसूरी ने कहा कि ये झारखंड आंदोलनकारी के साथ-साथ व्यक्तित्व के धनी थे. उन्हें अपने जीवन में सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं किया. गुमला के पालकोट में नागवंशी परिवार में जन्मे वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. चार दशक तक वकालत करने के बाद कविता कहानी और झारखंड आंदोलन को लेकर नारा भी लिखा करते थे. झारखंड बनने का उद्देश्य यह था कि यहां के लोगों को एक पहचान मिल सके लेकिन वह पहचान की लड़ाई आज भी लड़ रहे हैं. लाल रणविजय नाथ शाहदेव की जीवनी को लोगों को जानना चाहिए. इसको लेकर सरकार उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में लागू करने की मांग की.

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उनके बेटे डॉ. अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का गठन जिस उद्देश्य के साथ किया गया. ऐसा लगता है कि आज भी वह पूरा नहीं हुआ है. जिस लड़ाई को लेकर आंदोलनकारियों ने अलग राज्य का गठन किया. आज आंदोलनकारी खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं, झारखंड में झारखंड आंदोलनकारियों का राज्य माना जाता है और सरकार भी उनकी है. झारखंड आंदोलनकारियों के लिए जो भी नीति बनाई गई है उसका लाभ झारखंड आंदोलनकारियों को नहीं मिल पा रहा है. लाल रणविजय सहदेव की पुण्यतिथि के मौके पर सरकार से एक बार फिर से गुहार लगाने का कोशिश किया जा रहा है कि जो भी आंदोलनकारी हैं उन्हें चिन्हित कर उन्हें उचित सम्मान देने का सरकार काम करें.

Last Updated : Feb 6, 2021, 9:11 AM IST
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