रांची: सुरदा माइंस लीज मामले में सीबीआई ने बड़ी करवाई की है. हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के पूर्व सीएमडी केडी दीवान और निदेशक अभिजीत घोष के खिलाफ सीबीआई रांची ने एफआईआर दर्ज की है. बिना टेंडर काम करवाने की वजह से एचसीएल को 36.19 करोड़ का नुकसान हुआ था.
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क्या है पूरा मामला: पूरा मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में सुरदा माइंस के लीज आवंटन से जुड़ा हुआ है. सीबीआई के एफआईआर में जिक्र है कि सुरदा माइंस के ऑपरेशन के लिए आईआरएल को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. साल 2007 से साल 2014 तक के लिए यह कॉन्ट्रैक्ट आवंटित किया गया था. लेकिन बाद में एचसीएल के अफसरों ने बगैर टेंडर निकाले ही कंपनी का काम जारी रखने दिया. जिसकी वजह से भारत सरकार और एचसीएल को तकरीबन 36.19 करोड़ के नुकसान हुआ. इस दौरान आईआरएल को अलग अलग समय एचसीएल के द्वारा गलत भुगतान किए जाने की बात भी सामने आई है.
पूरा मामला तब पकड़ में आया जब कोलकाता मुख्यालय को इसकी जानकारी मिली. एचसीएल के चीफ विजिलेंस अफसर नवीन कुमार सिंह ने पूरे मामले में जांच कर अपनी रिपोर्ट सीबीआई मुख्यालय को दी थी. जिसके बाद दोषी अफसरों पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है. वहीं, माइंस आवंटन के मामले में गड़बड़ी के मामले में इंडियन रिसोर्स लिमिटेड समेत अन्य के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है.
एमईसीएल के सीनियर एकाउंट अफसर के खिलाफ एफआईआर: वहीं, दूसरी तरफ सीबीआई रांची ने मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) के पूर्व सीनियर एकाउंट अफसर अंकित लक्ष्मीचंद जैन के खिलाफ भी एफआईआर की है. एमईसीएल की आंतरिक जांच में यह बात सामने आयी थी कि अंकित ने पद पर रहते हुए साल 2019 से 2022 के बीच अलग अलग तारीखों में अपने व अपने करीबियों के बैंक खाते में 26.55 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे. जून 2022 में मामले की जांच की गई तो पाया गया कि फर्जीवाड़ा कर अंकित ने पैसे ट्रांसफर कराए थे. मामला सामने आने के बाद एमईसीएल के मैनेजर श्रीकांत शर्मा ने रांची सीबीआई से पत्राचार किया था. जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले में पीसी एक्ट समेत अन्य संगत धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.