रांचीः आठ साल पुराने मामले में आरोपी रंजीत कोहली, उनकी मां कौशल्या रानी और हाई कोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद की किस्मत का फैसला शनिवार को होगा. इससे पहले 23 सितंबर 2023 को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था. शनिवार 30 सितंबर 2023 को धर्म परिवर्तन मामले में सीबीआई कोर्ट का निर्णय आने वाला है.
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8 साल तक चली सुनवाई के दौरान आरोपों को सिद्ध करने के लिए सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 26 गवाह और साक्ष्य पेश किये. वहीं आरोपियों ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए 4 गवाह पेश किये थे. सीबीआई ने इस मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की थी.
पूरे देश में चर्चित हुए इस केस को झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में टेकओवर किया. जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रंजीत उर्फ रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार (सतर्कता) मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गयी थी. आरोपियों के खिलाफ 2 जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. इसके बाद से तीनों लगातार ट्रायल फेस कर रहे थे.
क्या है मामलाः नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. दोनों की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के बाद उसे पता चला कि रंजीत सिंह कोहली पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था. तारा शाहदेव से शादी के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल उस पर इस्लाम धर्म कबूलने का दबाव बनाने लगा. तारा शाहदेव ने पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में बताया था कि ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया था.
तारा शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया करते थे. साथ ही धमकी दी जाती थी कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले. उसे चेतावनी दी गई थी कि वह 'सिंदूर' न लगाए नहीं तो उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे. तारा ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को अपने भाई को एक घरेलू नौकर के मोबाइल फोन से कॉल किया और उसे पुलिस के साथ अपने ससुराल आने के लिए कहा. इसके बाद तारा को मुक्त कराया गया था.