रांचीः छठी जेपीएससी को लेकर लगातार कुछ अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष लगभग 2 महीने से अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे और अब जेपीएससी कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन की शुरुआत की है. इन्होंने हेमंत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व रघुवर सरकार को ही बेहतर बताया है.
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एक तरफ जहां राज्य भर में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. किसी भी तरीके का धरना प्रदर्शन और आंदोलन को लेकर भी कई गाइडलाइन जारी किए गए हैं. तो इधर छठी जेपीएससी के विरोध में अरसे से आंदोलित विद्यार्थियों ने जेपीएससी कार्यालय के समक्ष ही आमरण अनशन पर बैठ गए है. आंदोलनकारी जेपीएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि लगातार मामले को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है, लेकिन हेमंत सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं.
आरक्षण का अनुपालन जेपीएससी में नहीं किया जा रहा है. कई अनियमितता बरती गई है. लेकिन छठी जेपीएससी को रद्द करने की बजाय हेमंत भी अन्य सरकारों के तर्ज पर ही संचालित हो रही है. इससे बेहतर तो पहले वाले रघुवर सरकार ही थे. मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत हेमंत सोरेन ने जो वादे किए थे उन तमाम वायदे को इन्होंने भुला दिया है और आज राज्य भर में अलर्ट जारी होने के बावजूद भी जेपीएससी के आंदोलनकारी अभ्यर्थी आमरण अनशन करने को मजबूर है. कोरोना वायरस से मरने से अच्छा भूख से ही मर जाना इस राज्य में बेहतर है यह कहना है आंदोलनकारी जेपीएससी अभ्यर्थियों का.