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नियुक्ति नियमावली रद्द होने से एक बार फिर बढ़ी छात्रों की परेशानी, नौकरियों पर लगा ग्रहण

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Published : Dec 17, 2022, 5:03 PM IST

Updated : Dec 17, 2022, 5:22 PM IST

झारखंड में नियुक्ति नियमावली हमेशा विवादों में रहा है. कभी इस वजह से जेपीएससी विवादों में रहता है, तो कभी जेएसएससी. पिछले 22 वर्षों से राज्य सरकार के द्वारा नियुक्ति नियमावली विधि सम्मत नहीं बनायी जा सकी है. सरकार की ओर से असंवैधानिक और मनमाने तरीके से दिये गए आदेश पर मामला न्यायालय तक पहुंचा जहा इसे रद्द कर दिया गया (Cancellation of recruitment rules ), जिसका शिकार झारखंड के छात्र होते रहे हैं.

Cancellation of recruitment rules
Cancellation of recruitment rules
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रांची: नियुक्ति नियमावली रद्द होने से एक बार फिर छात्रों की परेशानी बढ़ गई है (Cancellation of recruitment rules ). रात दिन सरकारी नौकरी पाने के लिए परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र सरकार की नीतियों पर न्यायालय का डंडा चलने का शिकार होते हैं. अभी सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार का मसला हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 मामले में थमा भी नहीं था कि हेमंत सरकार के द्वारा 10 अगस्त 2021 को लाई गई नियुक्ति नियमावली को हाईकोर्ट ने रद्द कर दी. हाईकोर्ट के द्वारा इस नियुक्ति नियमावली को रद्द किए जाने के बाद एक बार फिर झारखंड में सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर जेएसएससी से होने वाली नियुक्ति पर ग्रहण लग गया है.

ये भी पढ़ें: झारखंड सरकार को हाई कोर्ट से झटका, जेएसएससी नियुक्ति नियमावली को किया रद्द

नई नियुक्ति नियमावली के लागू होने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी. कुछ नियुक्तियां इसी नियमावली के तहत हो भी गई थी और कुछ की परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी थी, मगर जैसे ही झारखंड हाईकोर्ट का फैसला आया उसके बाद इन परीक्षाओं पर ग्रहण लग चुका है. छात्र परेशान हैं कि करें तो करें क्या.

रविवार को पीजीटी शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा आयोजित होनी थी उसे भी इस फैसले के आने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने स्थगित कर दिया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा की तैयारी करने वाले लोहरदगा के शंकर कुमार कहते हैं कि सरकार ऐसी नीतियां ही बनाती हैं जिसका भुक्तभोगी झारखंड के छात्र होते रहे हैं. समय के साथ उम्र समाप्त हो रहा है घर के लोग नौकरी नहीं हो पाने की वजह से और तैयारी के लिए पैसा देना नहीं चाहते. ऐसे में समझ में नहीं आता कि सरकार चाहती क्या है.

वहीं, चतरा के रितेश कुमार नियुक्ति नियमावली के रद्द होने से बेहद ही उदास हैं उनका मानना है कि सरकार बार-बार नियुक्ति नियमावली में बदलाव कर छात्रों की परेशानी बढ़ा रही है. जिस वजह से झारखंड में कोई भी नियुक्ति प्रक्रिया बिना विवाद के खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्ति नियमावली बननी चाहिए जो बगैर विवाद के हो. रांची के दीपक धान पिछले 7 साल से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, सरकारी नौकरी पाने के लिए रात दिन मेहनत करने वाले दीपक धान पीजीटी की परीक्षा देने की तैयारी में थे रविवार यानी 18 दिसंबर को कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा यह परीक्षा ली जानी थी, लेकिन शुक्रवार को जैसे ही यह फैसला आया उसके बाद दीपक की उम्मीदों पर पानी फिर गया.

इन सबके बीच राज्य सरकार झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक विधि संवत राय लेने के बाद सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की जाएगी.बहरहाल नियुक्ति नियमावली रद्द होने के बाद जेपीएससी ने अपने प्रस्तावित परीक्षा कैलेंडर को रद्द कर दिया है. वहीं एक दर्जन से अधिक नियुक्ति परीक्षा पर ग्रहण लग गया है. इन परीक्षाओं में झारखंड मैट्रिक स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2022, झारखंड डिप्लोमा स्तर संयुक्त परीक्षा 2021, झारखंड इंटरमीडिएट संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2022, झारखंड प्रयोगशाला सहायक प्रतियोगिता परीक्षा 2022 शामिल है.

झारखंड में नियोजन नीति रद्द करने को लेकर आक्रोशित छात्रों का कहना है कि नियोजन नीति रद्द करने से सरकार की तरफ से निकाली जाने वाली नौकरियां भी बंद हो जाएंगी. वहीं, जो छात्र अब नई नौकरी ज्वाइन करने वाले हैं या फिर परीक्षा देखकर उत्तीर्ण हुए हैं वैसे छात्रों के लिए भी नियोजन नीति को रद्द करने से उनका भविष्य अधर में चला जाएगा. इसी को देखते हुए नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं और छात्रों ने मोरहाबादी मैदान से अल्बर्ट एक्का चौक तक विरोध मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार अगर 15 दिनों में नियोजन नीति में संशोधन लाकर युवाओं के लिए कुछ विचार नहीं करती है तो आने वाले समय में जो छात्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

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रांची: नियुक्ति नियमावली रद्द होने से एक बार फिर छात्रों की परेशानी बढ़ गई है (Cancellation of recruitment rules ). रात दिन सरकारी नौकरी पाने के लिए परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र सरकार की नीतियों पर न्यायालय का डंडा चलने का शिकार होते हैं. अभी सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार का मसला हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 मामले में थमा भी नहीं था कि हेमंत सरकार के द्वारा 10 अगस्त 2021 को लाई गई नियुक्ति नियमावली को हाईकोर्ट ने रद्द कर दी. हाईकोर्ट के द्वारा इस नियुक्ति नियमावली को रद्द किए जाने के बाद एक बार फिर झारखंड में सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर जेएसएससी से होने वाली नियुक्ति पर ग्रहण लग गया है.

ये भी पढ़ें: झारखंड सरकार को हाई कोर्ट से झटका, जेएसएससी नियुक्ति नियमावली को किया रद्द

नई नियुक्ति नियमावली के लागू होने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी. कुछ नियुक्तियां इसी नियमावली के तहत हो भी गई थी और कुछ की परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी थी, मगर जैसे ही झारखंड हाईकोर्ट का फैसला आया उसके बाद इन परीक्षाओं पर ग्रहण लग चुका है. छात्र परेशान हैं कि करें तो करें क्या.

रविवार को पीजीटी शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा आयोजित होनी थी उसे भी इस फैसले के आने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने स्थगित कर दिया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा की तैयारी करने वाले लोहरदगा के शंकर कुमार कहते हैं कि सरकार ऐसी नीतियां ही बनाती हैं जिसका भुक्तभोगी झारखंड के छात्र होते रहे हैं. समय के साथ उम्र समाप्त हो रहा है घर के लोग नौकरी नहीं हो पाने की वजह से और तैयारी के लिए पैसा देना नहीं चाहते. ऐसे में समझ में नहीं आता कि सरकार चाहती क्या है.

वहीं, चतरा के रितेश कुमार नियुक्ति नियमावली के रद्द होने से बेहद ही उदास हैं उनका मानना है कि सरकार बार-बार नियुक्ति नियमावली में बदलाव कर छात्रों की परेशानी बढ़ा रही है. जिस वजह से झारखंड में कोई भी नियुक्ति प्रक्रिया बिना विवाद के खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्ति नियमावली बननी चाहिए जो बगैर विवाद के हो. रांची के दीपक धान पिछले 7 साल से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, सरकारी नौकरी पाने के लिए रात दिन मेहनत करने वाले दीपक धान पीजीटी की परीक्षा देने की तैयारी में थे रविवार यानी 18 दिसंबर को कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा यह परीक्षा ली जानी थी, लेकिन शुक्रवार को जैसे ही यह फैसला आया उसके बाद दीपक की उम्मीदों पर पानी फिर गया.

इन सबके बीच राज्य सरकार झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक विधि संवत राय लेने के बाद सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की जाएगी.बहरहाल नियुक्ति नियमावली रद्द होने के बाद जेपीएससी ने अपने प्रस्तावित परीक्षा कैलेंडर को रद्द कर दिया है. वहीं एक दर्जन से अधिक नियुक्ति परीक्षा पर ग्रहण लग गया है. इन परीक्षाओं में झारखंड मैट्रिक स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2022, झारखंड डिप्लोमा स्तर संयुक्त परीक्षा 2021, झारखंड इंटरमीडिएट संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2022, झारखंड प्रयोगशाला सहायक प्रतियोगिता परीक्षा 2022 शामिल है.

झारखंड में नियोजन नीति रद्द करने को लेकर आक्रोशित छात्रों का कहना है कि नियोजन नीति रद्द करने से सरकार की तरफ से निकाली जाने वाली नौकरियां भी बंद हो जाएंगी. वहीं, जो छात्र अब नई नौकरी ज्वाइन करने वाले हैं या फिर परीक्षा देखकर उत्तीर्ण हुए हैं वैसे छात्रों के लिए भी नियोजन नीति को रद्द करने से उनका भविष्य अधर में चला जाएगा. इसी को देखते हुए नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं और छात्रों ने मोरहाबादी मैदान से अल्बर्ट एक्का चौक तक विरोध मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार अगर 15 दिनों में नियोजन नीति में संशोधन लाकर युवाओं के लिए कुछ विचार नहीं करती है तो आने वाले समय में जो छात्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

Last Updated : Dec 17, 2022, 5:22 PM IST
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