रांची: राज्य में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई के खिलाफ नए सिरे से बड़ा अभियान चलाया जाएगा. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 3 बड़ी रणनीतियों पर काम करते हुए भाकपा माओवादी संगठन को खत्म करने की रणनीति बनाई है.
नक्सलियों से निपटने स्पेशल ब्लूप्रिंट तैयार
कश्मीर में आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जिस रणनीति को भारतीय एजेंसियों ने अपनाया था, ठीक उसी तरह की रणनीति को अपनाते हुए झारखंड से भी नक्सलियों का सफाया करने की तैयारी हो चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है. जिसके अनुसार भाकपा माओवादियों के ओवरग्राउंड समर्थकों को पुलिस सबसे पहले चिन्हित करेगी. किसी भी तरह से माओवादियों को मदद पहुंचाने वाले, सूचना देने वाले और फंडिंग देने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ 14 सीएलए के तहत कार्रवाई की जाएगी. ओवरग्राउंड समर्थकों के खिलाफ भी उसी धारा के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. जिस धारा में माओवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है. फिलहाल कश्मीर में भी सुरक्षा एजेंसियां इसी रणनीति के तहत आतंकियों से निपट रही है.
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नक्सलियों के लिए कौन हैं ओवरग्राउंड वर्कर
ओवरग्राउंड वर्कर एक तरह से नक्सलियों के मददगार होते हैं. जो उनकी आंख और कान के रूप में काम करते हैं. ये लोग नक्सल अभियान में लगे सुरक्षा बलों की आवाजाही और पुलिस की चहलकदमी पर नजर रखते हैं. साथ ही नक्सलियों के लिए ठिकाने की भी व्यवस्था करते हैं. इन सभी के अलावे ओवरग्राउंड वर्कर के लोग पुलिस को दिग्भर्मित भी करते हैं.
पहला टारगेट भाकपा माओवादी
झारखंड से नक्सलवाद मिटाने के लिए मुख्यालय ने अपना पहला टारगेट भाकपा माओवादी संगठन को ही बनाया है. इस रणनीति के तहत भाकपा माओवादियों के खिलाफ टारगेट बेस्ड ऑपरेशन चलाया जाएगा. इसके साथ ही राज्य के सभी नक्सली समूहों के खिलाफ ऑपरेशन किए जाएंगे, लेकिन सबसे पहला टारगेट भाकपा माओवादियों को खत्म करने का है.
शीर्ष माओवादियों की फंडिंग का पता लगाएगी पुलिस
झारखंड में सक्रिय सभी शीर्ष माओवादियों की चल और अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जाएगी. इसके साथ यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि कैसे माओवादी संगठन लेवी के जरिए पैसे बना रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर माओवादी संगठन से जोड़ने को मजबूर भी कर रहे हैं.
क्यों की जा रही है बड़ी तैयारी
झारखंड में नक्सलियों का वर्चस्व कुछ समय पहले कम होने लगा था, लेकिन अब नक्सली अपनी दबिश दोबारा कायम करने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं. दूसरे राज्य के टॉप नक्सली नेता झारखंड में कैंप कर रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार सरायकेला जिले के कुचाई में बंगाल और झारखंड के शीर्ष माओवादियों का दस्ता कैंप कर रहा है. सरायकेला में संगठन को मजबूती देने के लिए माओवादियों के पश्चिम बंगाल कमेटी और सेंट्रल कमेटी सदस्य असीम मंडल उर्फ आकाश अपने दस्ते के साथ मौजूद है. सभी नक्सली झारखंड में कुछ बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में हैं. जिससे राज्य में नक्सलियों का अस्तित्व फिर से कायम हो सके.
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आईबी की सूचना पर अलर्ट हुआ मुख्यालय
इन दिनों झारखंड के सरायकेला जिले में रायसिंदरी हिल की दुर्गम पहाड़ियों कई नक्सली नेता मौजूद हैं. 1 करोड़ के इनामी नक्सली आकाश के साथ पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी का अतुल उर्फ पिंटू महतो, झारखंड रीजनल कमेटी के अमित मुंडा, जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक जैसे कई खूंखार नक्सली मौजूद हैं. ये माओवादी सरायकेला के कुचाई थाना क्षेत्र के रायसिंदरी हिल पर 40-45 हथियारबंद माओवादियों के साथ कैंप कर रहे हैं. आईबी ने पूरे मामले में झारखंड पुलिस को रिपोर्ट भेजी है. जिसके बाद राज्य पुलिस के स्तर से सतर्कता बरतने का आदेश जिलों के एसपी को दिया गया है.