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कश्मीर की तर्ज पर झारखंड में माओवादियों के ओवरग्राउंड समर्थकों पर होगी कार्रवाई, चलेगा टारगेट बेस्ड ऑपरेशन - Jharkhand Police Headquarters

झारखंड पुलिस मुख्यालय ने राज्य के नक्सली संगठनों से निपटने के लिए बड़ी योजना बनाई है. इसके लिए पुलिस ने ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है. जिसके तहत ओवरग्राउंड वर्करों पर भी विशेष कार्रवाई की तैयारी है.

झारखंड पुलिस
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Published : Sep 17, 2019, 10:06 AM IST

रांची: राज्य में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई के खिलाफ नए सिरे से बड़ा अभियान चलाया जाएगा. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 3 बड़ी रणनीतियों पर काम करते हुए भाकपा माओवादी संगठन को खत्म करने की रणनीति बनाई है.

नक्सलियों से निपटने स्पेशल ब्लूप्रिंट तैयार

कश्मीर में आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जिस रणनीति को भारतीय एजेंसियों ने अपनाया था, ठीक उसी तरह की रणनीति को अपनाते हुए झारखंड से भी नक्सलियों का सफाया करने की तैयारी हो चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है. जिसके अनुसार भाकपा माओवादियों के ओवरग्राउंड समर्थकों को पुलिस सबसे पहले चिन्हित करेगी. किसी भी तरह से माओवादियों को मदद पहुंचाने वाले, सूचना देने वाले और फंडिंग देने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ 14 सीएलए के तहत कार्रवाई की जाएगी. ओवरग्राउंड समर्थकों के खिलाफ भी उसी धारा के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. जिस धारा में माओवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है. फिलहाल कश्मीर में भी सुरक्षा एजेंसियां इसी रणनीति के तहत आतंकियों से निपट रही है.

ये भी पढ़ें:- मुख्यमंत्री को लीगल नोटिस पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- चुनाव का डर आ रहा है नजर

नक्सलियों के लिए कौन हैं ओवरग्राउंड वर्कर

ओवरग्राउंड वर्कर एक तरह से नक्सलियों के मददगार होते हैं. जो उनकी आंख और कान के रूप में काम करते हैं. ये लोग नक्सल अभियान में लगे सुरक्षा बलों की आवाजाही और पुलिस की चहलकदमी पर नजर रखते हैं. साथ ही नक्सलियों के लिए ठिकाने की भी व्यवस्था करते हैं. इन सभी के अलावे ओवरग्राउंड वर्कर के लोग पुलिस को दिग्भर्मित भी करते हैं.

पहला टारगेट भाकपा माओवादी

झारखंड से नक्सलवाद मिटाने के लिए मुख्यालय ने अपना पहला टारगेट भाकपा माओवादी संगठन को ही बनाया है. इस रणनीति के तहत भाकपा माओवादियों के खिलाफ टारगेट बेस्ड ऑपरेशन चलाया जाएगा. इसके साथ ही राज्य के सभी नक्सली समूहों के खिलाफ ऑपरेशन किए जाएंगे, लेकिन सबसे पहला टारगेट भाकपा माओवादियों को खत्म करने का है.

शीर्ष माओवादियों की फंडिंग का पता लगाएगी पुलिस

झारखंड में सक्रिय सभी शीर्ष माओवादियों की चल और अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जाएगी. इसके साथ यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि कैसे माओवादी संगठन लेवी के जरिए पैसे बना रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर माओवादी संगठन से जोड़ने को मजबूर भी कर रहे हैं.

क्यों की जा रही है बड़ी तैयारी

झारखंड में नक्सलियों का वर्चस्व कुछ समय पहले कम होने लगा था, लेकिन अब नक्सली अपनी दबिश दोबारा कायम करने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं. दूसरे राज्य के टॉप नक्सली नेता झारखंड में कैंप कर रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार सरायकेला जिले के कुचाई में बंगाल और झारखंड के शीर्ष माओवादियों का दस्ता कैंप कर रहा है. सरायकेला में संगठन को मजबूती देने के लिए माओवादियों के पश्चिम बंगाल कमेटी और सेंट्रल कमेटी सदस्य असीम मंडल उर्फ आकाश अपने दस्ते के साथ मौजूद है. सभी नक्सली झारखंड में कुछ बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में हैं. जिससे राज्य में नक्सलियों का अस्तित्व फिर से कायम हो सके.

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आईबी की सूचना पर अलर्ट हुआ मुख्यालय

इन दिनों झारखंड के सरायकेला जिले में रायसिंदरी हिल की दुर्गम पहाड़ियों कई नक्सली नेता मौजूद हैं. 1 करोड़ के इनामी नक्सली आकाश के साथ पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी का अतुल उर्फ पिंटू महतो, झारखंड रीजनल कमेटी के अमित मुंडा, जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक जैसे कई खूंखार नक्सली मौजूद हैं. ये माओवादी सरायकेला के कुचाई थाना क्षेत्र के रायसिंदरी हिल पर 40-45 हथियारबंद माओवादियों के साथ कैंप कर रहे हैं. आईबी ने पूरे मामले में झारखंड पुलिस को रिपोर्ट भेजी है. जिसके बाद राज्य पुलिस के स्तर से सतर्कता बरतने का आदेश जिलों के एसपी को दिया गया है.

रांची: राज्य में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई के खिलाफ नए सिरे से बड़ा अभियान चलाया जाएगा. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 3 बड़ी रणनीतियों पर काम करते हुए भाकपा माओवादी संगठन को खत्म करने की रणनीति बनाई है.

नक्सलियों से निपटने स्पेशल ब्लूप्रिंट तैयार

कश्मीर में आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जिस रणनीति को भारतीय एजेंसियों ने अपनाया था, ठीक उसी तरह की रणनीति को अपनाते हुए झारखंड से भी नक्सलियों का सफाया करने की तैयारी हो चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है. जिसके अनुसार भाकपा माओवादियों के ओवरग्राउंड समर्थकों को पुलिस सबसे पहले चिन्हित करेगी. किसी भी तरह से माओवादियों को मदद पहुंचाने वाले, सूचना देने वाले और फंडिंग देने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ 14 सीएलए के तहत कार्रवाई की जाएगी. ओवरग्राउंड समर्थकों के खिलाफ भी उसी धारा के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. जिस धारा में माओवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है. फिलहाल कश्मीर में भी सुरक्षा एजेंसियां इसी रणनीति के तहत आतंकियों से निपट रही है.

ये भी पढ़ें:- मुख्यमंत्री को लीगल नोटिस पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- चुनाव का डर आ रहा है नजर

नक्सलियों के लिए कौन हैं ओवरग्राउंड वर्कर

ओवरग्राउंड वर्कर एक तरह से नक्सलियों के मददगार होते हैं. जो उनकी आंख और कान के रूप में काम करते हैं. ये लोग नक्सल अभियान में लगे सुरक्षा बलों की आवाजाही और पुलिस की चहलकदमी पर नजर रखते हैं. साथ ही नक्सलियों के लिए ठिकाने की भी व्यवस्था करते हैं. इन सभी के अलावे ओवरग्राउंड वर्कर के लोग पुलिस को दिग्भर्मित भी करते हैं.

पहला टारगेट भाकपा माओवादी

झारखंड से नक्सलवाद मिटाने के लिए मुख्यालय ने अपना पहला टारगेट भाकपा माओवादी संगठन को ही बनाया है. इस रणनीति के तहत भाकपा माओवादियों के खिलाफ टारगेट बेस्ड ऑपरेशन चलाया जाएगा. इसके साथ ही राज्य के सभी नक्सली समूहों के खिलाफ ऑपरेशन किए जाएंगे, लेकिन सबसे पहला टारगेट भाकपा माओवादियों को खत्म करने का है.

शीर्ष माओवादियों की फंडिंग का पता लगाएगी पुलिस

झारखंड में सक्रिय सभी शीर्ष माओवादियों की चल और अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जाएगी. इसके साथ यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि कैसे माओवादी संगठन लेवी के जरिए पैसे बना रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर माओवादी संगठन से जोड़ने को मजबूर भी कर रहे हैं.

क्यों की जा रही है बड़ी तैयारी

झारखंड में नक्सलियों का वर्चस्व कुछ समय पहले कम होने लगा था, लेकिन अब नक्सली अपनी दबिश दोबारा कायम करने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं. दूसरे राज्य के टॉप नक्सली नेता झारखंड में कैंप कर रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार सरायकेला जिले के कुचाई में बंगाल और झारखंड के शीर्ष माओवादियों का दस्ता कैंप कर रहा है. सरायकेला में संगठन को मजबूती देने के लिए माओवादियों के पश्चिम बंगाल कमेटी और सेंट्रल कमेटी सदस्य असीम मंडल उर्फ आकाश अपने दस्ते के साथ मौजूद है. सभी नक्सली झारखंड में कुछ बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में हैं. जिससे राज्य में नक्सलियों का अस्तित्व फिर से कायम हो सके.

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आईबी की सूचना पर अलर्ट हुआ मुख्यालय

इन दिनों झारखंड के सरायकेला जिले में रायसिंदरी हिल की दुर्गम पहाड़ियों कई नक्सली नेता मौजूद हैं. 1 करोड़ के इनामी नक्सली आकाश के साथ पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी का अतुल उर्फ पिंटू महतो, झारखंड रीजनल कमेटी के अमित मुंडा, जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक जैसे कई खूंखार नक्सली मौजूद हैं. ये माओवादी सरायकेला के कुचाई थाना क्षेत्र के रायसिंदरी हिल पर 40-45 हथियारबंद माओवादियों के साथ कैंप कर रहे हैं. आईबी ने पूरे मामले में झारखंड पुलिस को रिपोर्ट भेजी है. जिसके बाद राज्य पुलिस के स्तर से सतर्कता बरतने का आदेश जिलों के एसपी को दिया गया है.

Intro:झारखंड में कश्मीर की  तर्ज पर माओवादियों के ओवरग्राउंड समर्थकों पर होगी कार्रवाई ,चलेगा टारगेट बेस्ड अभियान


रांची।

झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ नए सिरे से बड़ा अभियान चलेगा। राज्य पुलिस मुख्यालय ने तीन बड़ी रणनीतियों पर काम करते हुए भाकपा माओवादी संगठन को खत्म करने की रणनीति बनायी है।

ब्लू प्रिंट तैयार

कश्मीर के आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जिस रणनीति को भारतीय एजेंसियों ने अपनाया था।उसी रणनीति को झारखंड में भी अपनाया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया है ।जिसके अनुसार भाकपा माओवादियों के ओवरग्राउंड समर्थकों को पुलिस सबसे पहले चिन्हित करेगी। किसी भी तरह से माओवादियों को मदद पहुंचाने वाले, सूचना देने वाले, फंडिंग देने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ 14 सीएलए के तहत कार्रवाई की जाएगी। ओवरग्राउंड समर्थकों के खिलाफ भी उसी धारा में एफआईआर दर्ज की जाएगी, जिस धारा में माओवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है।कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियो  इसी रणनीति के तहत काम कर रही है।

कौन है ओवरग्राउंड वर्कर

बता दें कि ओवरग्राउंड वर्कर एक तरह से नक्सलियो के मददगार होते हैं जो उनकी आंख और कान के रूप में काम करते हैं। ये नक्सल अभियान में लगे सुरक्षा बलों की आवाजाही पर नजर रखते हैं और नक्सलियो के लिए ठिकाने की व्यवस्था करते हैं।ये लोग पुलिस को दिग्भर्मित भी करते है।

नक्सलवाद खत्म करने के लिए पहला टारगेट भाकपा माओवादी संगठन

झारखंड से नक्सलवाद के सफाए के लिए मुख्यालय ने अपना सबसे पहला टारगेट भाकपा माओवादी संगठन को ही बनाया। इस रणनीति के तहत भाकपा माओवादियों के खिलाफ टारगेट बेस्ड ऑपरेशन चलेगा। इसके साथ ही बाकि नक्सली समूहों के खिलाफ भी ऑपरेशन होंगे। लेकिन सबसे पहला लक्ष्य भाकपा माओवादियों को खत्म करना है।

शीर्ष माओवादियों की चल- अचल संपत्ति की जानकारी जूटायी जाएगी

झारखंड में सक्रिय तमाम शीर्ष माओवादियों की चल व अचल संपत्ति की जानकारी जुटायी जाएगी। चल- अचल संपत्ति की जानकारी जुटाने के बाद इस बात का प्रसार भी किया जाएगा कि कैसे माओवादी लेवी के जरिए पैसे बना रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर माओवादी संगठन से लोग उन्हें दर दर भटकने पर मजबूर कर देते हैं।

क्यो की जा रही बड़ी तैयारी

राज्य में नक्सली अपनी दबिश को दोबारा कायम करने के लिए टॉप नक्सली नेता झारखंड में कैंप कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार
झारखंड के सरायकेला जिले के कुचाई में बंगाल और झारखंड के शीर्ष माओवादियों का दस्ता कैंप कर रहा है। सरायकेला में संगठन में मजबूत देने के लिए माओवादियों के पश्चिम बंगाल कमेटी और सेंट्रल कमेटी सदस्य असीम मंडल उर्फ आकाश अपने दस्ते के साथ मौजूद है।ये सभी झारखंड में कुछ बड़ी विध्वंसक वारदात को अंजाम दे कर नक्सलियो की फीकी पड़ी धमक को वापस लाना चाहते है।


आईबी की सूचना पर अलर्ट हुआ मुख्यालय

सरायकेला के रायसिंदरी हिल  के दुर्गम पहाडियो पर झारखंड में एक करोड़ के ईनामी आकाश के साथ पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी का अतुल उर्फ पिंटू महतो, झारखंड रीजनल कमेटी का अमित मुंडा, जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक मौजूद हैं। ये माओवादी सरायकेला के कुचाई थाना क्षेत्र के रायसिंदरी हिल पर 40-45 हथियारबंद माओवादियों के साथ कैंप कर रहे हैं। आईबी ने पूरे मामले में झारखंड पुलिस को रिपोर्ट भेजी है। जिसके बाद राज्य पुलिस के स्तर से सतर्कता बरतने का आदेश जिलों के एसपी को दिया गया है।Body:1Conclusion:2
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