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रांचीः कैबिनेट मीटिंग में सरकार से सख्त कदम की उम्मीद, बेवजह मूवमेंट पर लग सकती है रोक

बुधवार को राजधानी रांची में कोरोना को लेकर कैबिनेट मीटिंग का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान सरकार कुछ कड़े कदम उठा सकती है. साथ ही सरकार बेवजह मूवमेंट पर भी रोक लगा सकती है

cabinet meeting.
झारखंड मंत्रालय
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Published : Jul 22, 2020, 2:51 PM IST

रांचीः प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर भले ही लॉकडाउन की मांग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हो, लेकिन राज्य सरकार पूर्ण लॉकडाउन के बजाए अब तक दी गई छूट में कमी करने पर विचार कर रही है. हालांकि राज्य में उद्यमियों की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को हफ्ते में केवल 4 दिनों तक अपनी दुकान और प्रतिष्ठान खोलने की अपील की है. चेंबर का दावा है कि शुक्रवार से रविवार तक प्रतिष्ठान बंद रहने की वजह से बाजार में लोगों का मूवमेंट कम होगा. इससे संक्रमण की चेन तोड़ने में कुछ मदद मिल सकती है. सीएम हेमंत सोरेन ने भी चेंबर के इस पहल का स्वागत किया है. साथ ही कहा कि आम लोगों को ही आगे आकर इनिशिएटिव लेना होगा. हालांकि इससे पहले उन्होंने इशारा किया था कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार कुछ कड़े कदम उठा सकती है.

रियायतों में कटौती पर सरकार कर रही है विचार
मुख्यमंत्री सचिवालय के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अब तक दी गई रियायतों में कटौती कर सकती है. दरअसल राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अभी भी प्रदेश में मंदिरों के दरवाजे आम लोगों के लिए नहीं खोले गए हैं. वहीं दूसरी तरफ सिनेमा हॉल, शैक्षणिक संस्थान, मनोरंजन के अन्य साधन, जहां भीड़ इकट्ठी होने की उम्मीद है, उन पर प्रतिबंध जारी रखा है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार कड़ा कदम उठाकर वैसे मूवमेंट पर नकेल लगा सकती है, जो बिना किसी मकसद के किए जा रहे हो.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना विस्फोट, मंगलवार को राज्य में मिले 422 नए मरीज, 6 की मौत

सरकार की गाइडलाइन पर और सख्ती
खासकर सड़कों पर बिना काम के घूमने वाले लोगों की मूवमेंट पर लोग लगाई जा सकती है. इसके अलावा दुकानों में लोगों की मौजूदगी को लेकर जारी गाइडलाइन पर और सख्ती की जा सकती है. साथ ही स्थानीय परिवहन पर भी सरकार कोई निर्णय ले सकती है. हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसका फोकस जीविका के साथ जीवन पर रहेगा. ऐसे में आर्थिक गतिविधियां कंटिन्यू की जा सकेंगी.

डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सरकारीकर्मी समेत कई हुए संक्रमित
कोरोना के बढ़ते संक्रमण का शिकार राज्य सरकार के कर्मी समेत कई फ्रंटलाइन वर्कर भी हुए हैं. उनमें डॉक्टर, पारा मेडिकल, स्टाफ के अलावा पुलिसकर्मी भी शामिल है. आंकड़ों के अनुसार 200 से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इतना ही नहीं राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में काम कर रहे डॉक्टर भी संक्रमण के शिकार हुए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड में अब तक 6243 पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिनमें 2942 ठीक होकर वापस अपने घरों की ओर चले गए हैं, जबकि 3240 एक्टिव केस है. वहीं, 61 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

रांचीः प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर भले ही लॉकडाउन की मांग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हो, लेकिन राज्य सरकार पूर्ण लॉकडाउन के बजाए अब तक दी गई छूट में कमी करने पर विचार कर रही है. हालांकि राज्य में उद्यमियों की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को हफ्ते में केवल 4 दिनों तक अपनी दुकान और प्रतिष्ठान खोलने की अपील की है. चेंबर का दावा है कि शुक्रवार से रविवार तक प्रतिष्ठान बंद रहने की वजह से बाजार में लोगों का मूवमेंट कम होगा. इससे संक्रमण की चेन तोड़ने में कुछ मदद मिल सकती है. सीएम हेमंत सोरेन ने भी चेंबर के इस पहल का स्वागत किया है. साथ ही कहा कि आम लोगों को ही आगे आकर इनिशिएटिव लेना होगा. हालांकि इससे पहले उन्होंने इशारा किया था कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार कुछ कड़े कदम उठा सकती है.

रियायतों में कटौती पर सरकार कर रही है विचार
मुख्यमंत्री सचिवालय के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अब तक दी गई रियायतों में कटौती कर सकती है. दरअसल राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अभी भी प्रदेश में मंदिरों के दरवाजे आम लोगों के लिए नहीं खोले गए हैं. वहीं दूसरी तरफ सिनेमा हॉल, शैक्षणिक संस्थान, मनोरंजन के अन्य साधन, जहां भीड़ इकट्ठी होने की उम्मीद है, उन पर प्रतिबंध जारी रखा है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार कड़ा कदम उठाकर वैसे मूवमेंट पर नकेल लगा सकती है, जो बिना किसी मकसद के किए जा रहे हो.

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सरकार की गाइडलाइन पर और सख्ती
खासकर सड़कों पर बिना काम के घूमने वाले लोगों की मूवमेंट पर लोग लगाई जा सकती है. इसके अलावा दुकानों में लोगों की मौजूदगी को लेकर जारी गाइडलाइन पर और सख्ती की जा सकती है. साथ ही स्थानीय परिवहन पर भी सरकार कोई निर्णय ले सकती है. हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसका फोकस जीविका के साथ जीवन पर रहेगा. ऐसे में आर्थिक गतिविधियां कंटिन्यू की जा सकेंगी.

डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सरकारीकर्मी समेत कई हुए संक्रमित
कोरोना के बढ़ते संक्रमण का शिकार राज्य सरकार के कर्मी समेत कई फ्रंटलाइन वर्कर भी हुए हैं. उनमें डॉक्टर, पारा मेडिकल, स्टाफ के अलावा पुलिसकर्मी भी शामिल है. आंकड़ों के अनुसार 200 से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इतना ही नहीं राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में काम कर रहे डॉक्टर भी संक्रमण के शिकार हुए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड में अब तक 6243 पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिनमें 2942 ठीक होकर वापस अपने घरों की ओर चले गए हैं, जबकि 3240 एक्टिव केस है. वहीं, 61 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

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