रांचीः राजधानी के पिठोरिया घाटी में व्यवसायी अश्विनी मारवा की गोली लगने से मौत मामले का रहस्य पुलिस ने लगभग सुलझा लिया है. एफएसएल रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. अश्विनी मारवा ने गोली मारकर आत्महत्या की थी. 12 फरवरी 2021 को कारोबारी का शव मिला था.
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फिंगरप्रिंट का किया गया मिलान
एफएसएल रिपोर्ट में आए तथ्य के अनुसार घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल के फिंगरप्रिंट और अश्विनी मारवा के शव से लिया फिंगरप्रिंट समान है. इसके अलावा अश्विनी के शव से लिया गया गन पाउडर हैंड वाश का मिलान भी उसी पिस्टल से हुआ है. इसके अलावा कनपटी में सटा कर गोली मारने के दौरान अश्विनी के बाल भी जले हैं, जो इंगित करता है कि पिस्टल को सटाकर गोली मारी गई थी. मृतक की अंगुली भी ट्रिगर के अनुसार मुड़ी हुई मिली. पुलिस को एफएसएल रिपोर्ट मिल गई हैं. अब इसके आधार पर पुलिस आगे की जांच प्रक्रिया कर पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप देगी.
12 फरवरी को मिला था शव
12 फरवरी 2021 को अश्विनी का शव पिठोरिया घाटी से बरामद किया गया था. अश्विनी के दाएं कान के नीचे गोली लगी थी. शव देख स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पिठोरिया थाने के पुलिस को दी थी. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. एफएसएल की टीम भी बुलाई गई थी. इस मामले में परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था. कहा था कि किसी अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है. इस मामले में हत्या की एफआइआर दर्ज कर पुलिस छानबीन कर रही थी.
कार की चाबी नहीं मिलने से था हत्या का संदेह
अश्विन कांके रोड कात्यानी अपार्टमेंट स्थित अपने घर से कार से निकले थे. कार शव से 100 मीटर की दूरी पर खड़ी थी, लेकिन उसकी चाबी नहीं मिली थी. चाबी नहीं मिलने से हत्या का शक गहरा गया था. हालांकि एफएसएल रिपोर्ट आत्महत्या का संकेत दे रही है. घटना में जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था वह अवैध निकली. इस मामले में मृतक के परिजनों ने जिन लोगों पर संदेह किया था उन लोगों से पुलिस ने पूछताछ भी की थी. हालांकि पूछताछ में कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आए.