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परिवहन सेवा ठप होने से चालक परेशान, दिल्ली की तर्ज पर झारखंड सरकार से आर्थिक मदद की मांग - झारखंड में कोरोना से परिवहन व्यवसाय ठप

झारखंड में कोरोना संक्रमण (Corona infection in Jharkhand) को नियंत्रित करने को लेकर लॉकडाउन लगाया गया. इस लॉकडाउन के दौरान बस सेवा पूरी तरह से बाधित है. इससे बसों में काम करने वाले कर्मी आर्थिक तंगी से जूझने लगे हैं. झारखंड बस चालक कल्याण संघ ने झारखंड सरकार से मांग की है कि दिल्ली सरकार की तर्ज पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाए.

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परिवहन सेवा ठप होने से चालक परेशान
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Published : Jun 26, 2021, 6:11 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण(Corona infection) की दूसरी लहर को नियंत्रित करने को लेकर राज्य सरकार (State government) की ओर से लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया. लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से संक्रमण को नियंत्रित कर लिया गया है लेकिन कई वर्ग आर्थिक तंगी से जूझने लगे हैं. खाखकर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. झारखंड चालक कल्याण संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि दिल्ली की तर्ज पर आर्थिक मदद की जाए.

यह भी पढ़ेंःलॉकडाउन से परेशान बस चालक, खाने और अन्य सुविधा के लिए सरकार से लगाई गुहार

लॉकडाउन के दौरान राज्य में बस सेवा पूरी तरह से बाधित है. इससे बसों में काम करने वाले बस चालक, उपचालक, कुली व अन्य कर्मचारी की मुश्किलें काफी बढ़ गईं हैं. इन लोगों की रोजी रोटी पर भी असर पड़ा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आर्थिक मदद की गुहार

लॉकडाउन की मार झेल रहे बस चालक अब सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं. झारखंड बस चालक कल्याण संघ ने परिवहन मंत्री से मुलाकात की और दिल्ली सरकार की तर्ज पर झारखंड के भी चालकों को पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद करने की मांग की है. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से भी मिलकर आर्थिक मदद की मांग करने वाले हैं.

बस परिचालन पर पड़ा असर

चालक कल्याण संघ के सचिव बजरंगी सिंह ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों से लॉकडाउन का सिलसिला जारी है जिसका सबसे ज्यादा असर बस परिचालन पर पड़ा है. इससे बस चालक और उपचालक आर्थिक तंगी की मार झेलने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ेंःरांचीः देर रात स्टैंड पहुंचने वाले चालकों के सामने भोजन का संकट, जल्दी होटल बंद होने से परेशानी

लॉकडाउन में जमा पूंजी हो गई खत्म

चालक कल्याण संघ के अध्यक्ष विश्वनाथ मिश्रा ने बताया कि लगातार लॉकडाउन से बसों का परिचालन ठप है. घर में बैठकर खा रहे थे. पिछले डेढ़ वर्षों में जमा पूंजी भी समाप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अब दाने-दाने को मोहताज हैं. अगर सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो विरोध करने पर मजबूर होंगे.

चालकों की मांग पर किया जा रहा विचार
दूसरी ओर परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली है. इसके बावजूद राज्य सरकार बस चालकों की मांग पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि चालकों को आर्थिक मदद मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा.

रांची: कोरोना संक्रमण(Corona infection) की दूसरी लहर को नियंत्रित करने को लेकर राज्य सरकार (State government) की ओर से लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया. लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से संक्रमण को नियंत्रित कर लिया गया है लेकिन कई वर्ग आर्थिक तंगी से जूझने लगे हैं. खाखकर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. झारखंड चालक कल्याण संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि दिल्ली की तर्ज पर आर्थिक मदद की जाए.

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लॉकडाउन के दौरान राज्य में बस सेवा पूरी तरह से बाधित है. इससे बसों में काम करने वाले बस चालक, उपचालक, कुली व अन्य कर्मचारी की मुश्किलें काफी बढ़ गईं हैं. इन लोगों की रोजी रोटी पर भी असर पड़ा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आर्थिक मदद की गुहार

लॉकडाउन की मार झेल रहे बस चालक अब सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं. झारखंड बस चालक कल्याण संघ ने परिवहन मंत्री से मुलाकात की और दिल्ली सरकार की तर्ज पर झारखंड के भी चालकों को पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद करने की मांग की है. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से भी मिलकर आर्थिक मदद की मांग करने वाले हैं.

बस परिचालन पर पड़ा असर

चालक कल्याण संघ के सचिव बजरंगी सिंह ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों से लॉकडाउन का सिलसिला जारी है जिसका सबसे ज्यादा असर बस परिचालन पर पड़ा है. इससे बस चालक और उपचालक आर्थिक तंगी की मार झेलने को मजबूर हैं.

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लॉकडाउन में जमा पूंजी हो गई खत्म

चालक कल्याण संघ के अध्यक्ष विश्वनाथ मिश्रा ने बताया कि लगातार लॉकडाउन से बसों का परिचालन ठप है. घर में बैठकर खा रहे थे. पिछले डेढ़ वर्षों में जमा पूंजी भी समाप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अब दाने-दाने को मोहताज हैं. अगर सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो विरोध करने पर मजबूर होंगे.

चालकों की मांग पर किया जा रहा विचार
दूसरी ओर परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली है. इसके बावजूद राज्य सरकार बस चालकों की मांग पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि चालकों को आर्थिक मदद मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा.

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