रांची: लाख दावों के बावजूद सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है. ऐसा ही एक मामला रांची से 40 किलोमीटर दूर बुंडू प्रखंड के अनुमंडलीय अस्पताल का सामने आया है. जहां चिरूडीह गांव निवासी शुकरमनी कुमारी से इलाज के लिए पैसे मांगे गए. पैसे नहीं देने पर इलाज नहीं किया गया. परिजनों के पैसे देने के बाद महिला का इलाज शुरू हुआ. महिला खूंटी जिले के अड़की प्रखंड क्षेत्र के रायबेड़ा गांव की निवासी है और उसका ससुराल बुंडू में है.
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जाने क्या है मामला: बुंडू के सरकारी अस्पताल में शुकरमनी कुमारी डिलीवरी के लिए भर्ती हुई. उसको प्रसव पीड़ा से पहले तेज बुखार भी था. परिजनों ने कहा कि नर्स के द्वारा इलाज के लिए पैसे की डिमांड की गई. पैसा नहीं देने पर गर्भवती महिला शुकरमनी कुमारी को दवाई नहीं मिली. बाद में उनके भाई लखिया मुंडा अस्पताल पहुंचे और नर्स को 1000 रुपया देने लगे तो नर्स ने उसे भी मना कर दिया. लखिया मुंडा से 1500 रुपये की डिमांड की गई. किसी तरह मिन्नतों के बाद नर्स ने पैसा लिया और पैसा मिलने के बाद तुरंत दवाई ला कर शुकरमनी को दी. परिजनों ने कहा कि इस दौरान शुकरमनी को नर्स ने यह भी कहा था कि पैसे नहीं देने पर बच्चा भी नहीं मिलेगा. मरीजों के द्वारा यह भी शिकायत की गई कि यहां सभी लोगों से दवाई के नाम पर पैसा लिया जाता है तब जाकर मरीजों और गर्भवती का इलाज किया जाता है.
क्या कहा बुंडू एसडीओ अजय कुमार ने: इधर इस मामले को एसडीओ अजय कुमार साव ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. जांच में संबंधित कर्मी से पूछताछ के लिए प्रभारी चिकित्सक और मजिस्ट्रेट को जिम्मेवारी दी जाएगी. यदि पैसे लेकर मरीज की दवाई देने की बात सही होगी तो संबंधित स्वास्थ्यकर्मी की बर्खास्तगी के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जाएगा.