रांची: झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन की छत पर सोलर पैनल लगाने (Jharkhand High Court Building Roof) के बिंदु पर शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के पूर्व आदेश के आलोक में राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग अभियंता और जरेडा के अभियंता ने अपना-अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद भवन निर्माण कमेटी को इस मामले में निर्णय लेने का निर्देश दिया (Building Construction Department Objection). इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
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न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान भवन निर्माण विभाग की ओर से हाई कोर्ट बिल्डिंग पर कुछ अंश में सोलर पैनल लगाने पर आपत्ति जताई गई. भवन निर्माण विभाग ने कहा कि इससे छत से सीपेज (रिसाव) की समस्या हो सकती है. साथ ही कार पार्किंग में काफी स्पेस होने की बात कहकर उस जगह पर सोलर पैनल लगाने का सुझाव दिया गया.
जरेडा के इंजीनियर ने क्या कहाः वहीं जरेडा के इंजीनियर की ओर से कहा गया कि नई टेक्नोलॉजी के तहत छत पर सोलर पैनल लगाने से सीपेज (टपकने) की परेशानी नहीं होगी, इस तकनीक में छत में ड्रिल नहीं किया जाता है. इस पर कोर्ट ने हाई कोर्ट की बिल्डिंग कमेटी के पास प्रस्ताव को विचार करने के लिए भेजने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि झारखंड बिल्डिंग निर्माण कमेटी इस पर उचित निर्णय लेगी.
इससे पहले पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट के नए भवन के ऊपरी कुछ हिस्से में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना के बारे में भवन निर्माण विभाग को बताने को कहा था. पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि हाई कोर्ट के नये भवन का निर्माण कार्य त्वरित गति से चल रहा है. हाई कोर्ट भवन में वैकल्पिक ऊर्जा के लिए सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना की जाएगी.
बता दें कि अधिवक्ता राजीव कुमार ने जनहित याचिका दायर की है. वर्ष 2015 में धुर्वा में हाई कोर्ट की बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. दिसंबर 2018 तक कार्य पूरा होना था, लेकिन आज भी बिल्डिंग निर्माण अधूरा है. निर्माणाधीन बिल्डिंग में बाकी बचे काम को पूरा करने के लिए सरकार ने संशोधित डीपीआर के तहत कार्यादेश दिया है. संवेदक द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है.