रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में आज सत्तापक्ष और विपक्ष में एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक सीपी सिंह द्वारा राहुल गांधी को पप्पू कहे जाने पर हंगामा खड़ा हो गया. एक तरफ सत्तापक्ष के विधायक सीपी सिंह से इस मामले में माफी मांगने को लेकर अड़े रहे, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सदस्य ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. दरअसल प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्षी सदस्यों ने सत्तापक्ष के विधायक पर गाली देने का आरोप लगाया.
वहीं सत्ताधारी विधायकों ने बीजेपी विधायक से माफी मांगने को लेकर सदन में जमकर नारेबाजी की. इसको लेकर एक बार स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर 12:00 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. हालांकि जैसे ही दोबारा सदन आर्डर में आया सत्ता पक्ष के विधायक सीपी सिंह से माफी मंगवाने की बात पर अड़े रहे. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि जिस तरह से सीपी सिंह ने टिप्पणी की उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
साथ ही बीजेपी के भानु प्रताप शाही का बर्ताव भी निंदनीय है. ऐसे लोगों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए. सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन में माफी मांगने को लेकर नारा भी लगाया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विपक्ष की गुंडागर्दी नहीं चलेगी.
वहीं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सीपी सिंह जब भी अपनी बात रखते हैं ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. उन्हें इस बाबत खेद प्रकट करना चाहिए. वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अगर वरिष्ठ नेता ऐसी बात करते हैं उन्हें माफी मांगनी चाहिए या फिर से सदन से निलंबित कर देना चाहिए.
विपक्ष ने भी रखी मांग
विपक्षी सदस्य नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सत्ता पक्ष के एक विधायक ने माननीय सदस्यों को गाली दी है, जिसे उन्होंने नजरअंदाज भी किया. इस बाबत उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्पीकर द्वारा दिए जाने वाले नियमन का भी कुछ सदस्य पालन नहीं कर रहे हैं और आसन को चुनौती दे रहे हैं. ऐसे सदस्यों को बाहर निकाल देना चाहिए.
टूट जाएंगे, लेकिन माफी नहीं मानेंगे
वहीं सीपी सिंह ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने जो भी कहा है वह ऑन रिकॉर्ड है. इस मामले की जांच करवा ली जाए और उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी तरह की असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि वह टूट सकते हैं लेकिन माफी नहीं मांगेंगे. सत्ता पक्ष को उन्हें टारगेट करके क्या मिलेगा.
स्पीकर ने की टिप्पणी
हालांकि इस बीच स्पीकर ने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत सदन की कार्यवाही स्थगित करना उचित नहीं है. विधायक जन मुद्दों को लेकर सदस्य सदन में आ रहे हैं और इस तरह की घटना से सदन की कार्यवाही में असुविधा हो रही है. उन्होंने कहा कि वैसे ही जन मुद्दों का समाधान नहीं हो पाता है. हालांकि स्पीकर ने कहा कि जिन बातों को लेकर सदन में गतिरोध हुआ है उसे स्पंज कर दिया जाए.