रांची: राजधानी के सभी ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात जवानों को बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध करवा दिया गया है. पिछले कुछ दिनों से कुछ पोस्ट पर बॉडी वार्न कैमरा लगाकर जवान ड्यूटी कर रहे थे, लेकिन अब सभी ट्रैफिक पोस्ट पर कैमरे उपलब्ध करवा दिए गए हैं. ऐसे में ना सिर्फ ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि पुलिस से बदतमीजी करने वाले लोग भी कैमरे के रडार पर रहेंगे.
यह भी पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष मामला: हाई कोर्ट में हाजिर हुए विधानसभा के प्रभारी सचिव, मंगलवार को दो बिंदुओं पर होगी सुनवाई
ट्रैफिक एसपी ने दी जानकारी: गुरुवार को रांची के ट्रैफिक एसपी हारिश बिन जमा ने बताया कि रांची के सभी ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरों से लैस कर दिया गया है. लगभग 100 कैमरे अलग अलग ट्रैफिक पोस्ट पर दिए गए हैं, जिन्हें पहनकर ट्रैफिक पुलिस वाले ड्यूटी कर रहे हैं. ट्रैफिक एसपी ने बताया कि दिए गए कैमरे में प्राप्त बैकअप है, बैकअप को रिजर्व करने के लिए भी व्यवस्था की गई है. ऐसे में जब तक ट्रैफिक के जवान ड्यूटी पर रहेंगे तब तक उनके कैमरे ऑन रहेंगे.
ड्यूटी के दौरान ऑन रहेगा कैमरा: पुलिस मुख्यालय की तरफ से निर्देश दिया गया है कि बॉडी वार्न कैमरा पहना हुआ ट्रैफिक जवान जब तक सड़क पर ड्यूटी करेगा, तब तक उसका कैमरा ऑन रहेगा. दरअसल, हाल के दिनों में ट्रैफिक पुलिस को लेकर भी कई तरह की शिकायतें पुलिस मुख्यालय तक पहुंची थी. वहीं पुलिस एसोसिएशन की तरफ से भी शिकायत गई थी कि ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ बदतमीजी की जाती है. अब दोनों ही हालातों में तमाम साक्ष्य पुलिस के पास उपलब्ध रहेंगे, जिसके जरिए आरोप लगाने वाले के आरोपों की भी जांच हो जाएगी.
यह भी पढ़ें: Ghatshila News: मच्छरदानी से ढके चेहरे, कान में पत्ता और आंखों में चश्मा लगाए यहां घूमते हैं लोग, जानिए क्या है माजरा
उपलब्ध करवाए गए 118 कैमरा: गौरतलब है कि झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से राजधानी समेत राज्य भर में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए 355 बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराए गए हैं. राजधानी रांची में फिलहाल 118 कैमरे दिए गए हैं. जिसमें सिर्फ 100 को ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के बीच वितरण कर दिया गया है. कैमरे को क्लिप के जरिए वर्दी की जेब पर लगाया जाता है. रांची के ट्रैफिक एसपी ने बताया कि यह कैमरा चारों दिशाओं में घूम सकता है. इसमें 15 दिनों तक का फुटेज स्टोर किया जा सकता है. इस कैमरे को जीपीएस की मदद से कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जा सकता है, इसका फायदा यह है कि कंट्रोल रूम से भी जवानों की एक्टिविटी पर नजर रखी जा सकती है.