रांचीः झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी गई है. कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसकी तैयारी की जा रही है. प्रत्येक वर्ष 1400 परीक्षा केंद्रों पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित होती थी. लेकिन इस बार इसे दोगुना किया जा रहा है.
मैट्रिक इंटर परीक्षा को लेकर तैयारियां शुरू
इस बार मार्च-अप्रैल के बीच झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं ली जाएगी. सीनियर बच्चों के परीक्षा की तैयारी को लेकर 21 दिसंबर से ही स्कूल खोले गए हैं. ऐसे में विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने को लेकर थोड़ा समय ज्यादा मिलेगा. इन दोनों परीक्षाओं को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है. वहीं लगातार विभागीय स्तर पर भी बैठकर हो रही है. इस दौरान जैक भी अपने स्तर पर शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. जैक की ओर से जानकारी के मुताबिक इस साल परीक्षा केंद्रों की संख्या पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगी.
2800 परीक्षा केंद्रों पर होगी परीक्षा
पिछले साल जहां 14 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित हुई थी. इस साल 2800 परीक्षा केंद्र तैयार किए जाएंगे. ताकि परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा सके. कोविड 19 गाइडलाइन का पालन हो सके. जैक की ओर से तमाम केंद्र संचालक, प्रधान अध्यापकों को सीसीटीवी कैमरा दुरुस्त करने को लेकर निर्देश दिया गया है. जिन विद्यालयों में सीसीटीवी नहीं है. वहां सीसीटीवी कैमरा लगाने को लेकर आदेश जारी हुआ है. इस साल इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेजों में भी परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे और उन परीक्षा केंद्रों पर भी सीसीटीवी की समुचित व्यवस्था को लेकर जायजा भी जल्द लिया जाएगा. इसके अलावा जैक बोर्ड की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि इस बार आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं प्रखंड स्तर पर आयोजित होगी. प्रखंड जिला शिक्षा पदाधिकारियों को केंद्र निर्धारण के लिए कहा गया है.
गोस्सनर कॉलेज में इवनिंग बैच शुल्क का विरोध
वहीं गोस्सनर कॉलेज में इवनिंग बैच के छात्रों से 5 हजार शुल्क वसूली का मामला सामने आया है. छात्र संगठन एनएसयूआई ने इसे लेकर विरोध दर्ज कराया है. एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल की ओर से कॉलेज के प्राचार्य से इस निर्णय को वापस लेने की मांग भी की गई है. छात्रों की मानें तो 2018-21 सत्र में इवनिंग बैच के छात्र इस साल 5 हजार शुल्क देने में सक्षम नहीं है. कोरोना काल के बावजूद कॉलेज की ओर से शुल्क वसूली की जा रही है. एनएसयूआई का कहना है कि इस निर्णय को अगर कॉलेज प्रबंधन वापस नहीं लेती है, तो मामले से उच्च शिक्षा विभाग को अवगत कराया जाएगा. फिर भी बात नहीं बनी, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.